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अनुक्रम
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श्रीसीमन्धरस्वामीनी स्तवनारूप
त्रण प्राकृतभाषामय रचनाओ पं. कल्याणकीर्तिविजय चतुर्विंशति-जिनराज-स्तुति ( सावचूरि) पं. कल्याणकीर्तिविजय ८ अज्ञातकर्तृक अजितशान्तिस्तवनम् विजयशीलचन्द्रसूरि अज्ञातकर्तृक उपाख्यानकानि विजयशीलचन्द्रसूरि १९ मुनि संवेगदेव-रचित पिण्डविशुद्धि-बालावबोध
विजयशीलचन्द्रसूरि ३० गौतममाई
गणि सुयशचन्द्रविजय ८३
मुनि सुजसचन्द्रविजय रत्नसिंहसूरिशिष्य उदयधर्मरचित गणि सुयशचन्द्रविजय उपदेशमाला-सर्वकथानक-षट्पदाः मुनि सुजसचन्द्रविजय कवि मोहन-कृत
गणि सुयशचन्द्रविजय १२१ षष्ठिशतक प्रकरण दूहा
मुनि सुजसचन्द्रविजय आणंद कवि-रचित श्री चोवीशजिनस्तवन विजयशीलचन्द्रसूरि १३५ श्रीसुखविजय-रचित नव वाड भावभास विजयशीलचन्द्रसूरि १३८ गणि केसरविजय-कृत तत्त्वत्रिकपूजा (तत्त्वपूजा)
विजयशीलचन्द्रसूरि १४७ केटलीक हरियालीओ
उपा. भुवनचन्द्र १६३ गूढा - प्रहेलिका - समस्या - हरियाली (३) उपा. भुवनचन्द्र १७० एक मराठी स्तवन
उपा. भुवनचन्द्र १७४ मिथ्यात्वविरह-सम्यक्त्वकुलकम् मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय १७७