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________________ २९४ अनुसन्धान-७५ ( २ ) मंदिरमें आव्यो जिस रे, उभो ओकण थान... रुप बेंसो अणिई पलिंगडे रे, करस्यूं बे जण तांन... रुप० पून्यें करो तुम्हे सज्जनां रे, पून्यें रुडी नारि... चतुरसागर कहें सदा रे, पांचमी ढाल छें सार... रुप० रुप - १० दू कुयर बेंठो सेझई जई, जयसुंदरी उभी हजुर, पान बीडी मिश्रान्तिका, वलि मिंठा मोदक सूरि ... तेल चंपेल लगावती, कंठ धरे कुसुमनो हार, लविंग सोपारी आपती, बोलावें मदनकुमार... बोलावी मधुरी लवें, योवनमद भरपूर, जिण दिठें छ(च)लें [...], कुमरी चढतें नूरि... वदनें हसति बोलति, छिं (चि) ते काम वीकार, आलस मोडें अधर जडस्यें, जणवें नेत्र विकार... तनु संकासें छि( चि)त उल्लसें, देखी भ्रमर सूजाण, करणि मन गयंद परि वाधें, कमल स्युं मधुकर जाण... ५ ६, गोयम नाणी हो कहे सुण प्राणि म्हारा लाल कुंयरी जंपे हो विसवावीस ज म्हारा लाल, ढाळ चो (छो) गाला साहब हो, तुं छैइ सज, म्हारा लाल, तो परि वारी हो, जाउ वली हुं छु दासी, म्हारा लाल, साछी (ची) जाणो हो, रुखें जाणो हासी, म्हारा लाल... १ पून्य पसा (इं) हो, सरखी जोडि. म०, बोलें कुमरि हो, थोडी थोडी म० पाय पखालु हो, जाउं बलीहारि. म०, दासि तुमारि हो, भवभव तारी म० २ अंग संकोसी (ची) हो, आगल बेंठी, म. आलस मोडि हो, वातें पेंठी म. हावभाव करति हो, निजर नीहालें, म. संगे रमस्यें हो, प्रेम ज पालें. म० ३ नारि रिझी हो, स्यूं नवी आपें, म. परनर अगलि हो, काया थपें म. नारि खीजी हो, केहनें कामें नावें, म. बोलावी हुंति हो, फिर नवी बतलावें. म० ४ जेह स्यूं राजी हो, करें घणुं मनोहारि, म. मनस्यूं भडकी हो, करें खुआरी म० ओ जाति अनेरी हो, दीसे अटारि, म. मूहनी मीठी हो, कपट पटारि म० ५ ४ ११ ए देशी ।
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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