________________
सप्टेम्बर - २०१८
२७३
शब्दार्थ
नई – ने, अने खोडि = खोड क्षति, खामी प्रहसमइ = प्रभाते अछेह = खूब (तिण)-रउ = (ते)-नो सखर = सरस जोअण = जोजन वेअढ = वैताढ्य पहिलयण = पहोळाई उलि = हार, श्रेणी छयल = रसिक लोको सूधा = शुद्ध अरिअण = शत्रु काठवा = (?) निलवटि = ललाट निहुरा = नखरा (हा-ना) सइहथि = पोताना हाथे अक्यारथी = अर्थ विनानुं नातरउ = संबंध पिणि = पण पाहुरे = स्वजनो, महेमानो खांण = भोजन पांभडी = पामरी चंदूआ = चंदरवो दलीचा = गलीचा खूप = माथा परनुं आभूषण
गोरडी = सुंदर स्त्री गेलि = क्रीडा महोल = महेल तावड = ताप (तडको) बोक = कोस, डोल ? मुकिमुकि = मुक्त ? हसा मिस रे = हसवा रूपे, बहाना रूपे ढंढार = हाडपिंजर दाधी = दाझवू दूमणी = दुःखी छोहबंध = छोकाम करेल (धाबावाळां) फांदिल = फांद (मोटा पेट)वाळा मउरियो = म्होर्यो-खील्यो मुंतइ = महेता(?) विन्यान = विज्ञान जोतखी = (?) मतउफ्रेठ = (?) बेलि = साथी तुरी = घोडा गरकब = (?) अणुअर = अणवर जानीया = जानैया मुखमल = मखमल सहिर = सखी-सहियर वडवागिया = वाणीचतुर
- *
*
*