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________________ सप्टेम्बर - २०१८ श्लोकमां पत्रलेखनपद्धतिना समग्र क्रमनो काव्यचमत्कृति साधतां जईने निर्वाह करवो ए बहु मोटा गजानी काव्यप्रतिभा सिवाय असम्भवित छे.... आवी रचनाओने 'आ तो पत्र छे' एवं कहीने उपेक्षा करवा योग्य नथी. अन्यथा 'मेघदूत' पण आम जुओ तो एक पत्र ज छे'. आ उपरांत विज्ञप्तिपत्र विशेषाङ्क अङ्क नं.६० मां आ पत्रोनो परिचय आपतां पूर्वे आचार्यश्रीए विज्ञप्तिपत्र लेखनपरम्परानी संक्षेपमां छतां ठोस विकासरेखा वर्णवी छे, जे तेमने आ क्षेत्रना एक आधिकारिक ज्ञाता तरीके प्रस्थापित करी आपे छे. तेमां तेमणे १२-१३मी सदीथी पत्रलेखनपरम्परानो प्रारम्भ गणावीने आ परम्परानो सर्वश्रेष्ठ अने सर्वप्रथम कहेवाय तेवो पत्र 'त्रिदशतरङ्गिणी', १५मा सैकानो 'विज्ञप्तित्रिवेणी', मुनि जिनविजयजी सम्पादित 'विज्ञप्तिलेखसंग्रह', डॉ. हीरानन्द शास्त्री कृत 'Ancient Vijnaptipatras' तथा अन्य स्रोतोमां प्रकाशित पत्रोनी चर्चा करी छे. ५. कृतिसम्पदा आपणा ज्ञानभण्डारोमां संगृहीत हस्तप्रतोनो समृद्ध खजानो, हस्तप्रतोनां प्रकाशित सूचिपत्रो अने तेनी सामे प्रकाशित कृतिओ उपर दृष्टिपात करतां आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरि महाराजना मन्तव्य ‘एमां जेटली प्रकाशित छे ते करतां अप्रकाशित रचनाओनो जथ्थो बहु मोटो छे' साथे संमत थर्बु ज रद्यु. आ ज्ञानवारसाने 'अनुसन्धान'ना माध्यमथी प्रकाशमां आणवानो आचार्यश्रीनो प्रयास पण श्लाघनीय बनी रहे छे. आ लेखमां छेल्ले दर्शावेल आंकडाकीय सर्वेक्षण अनुसार 'अनुसन्धान'ना ७४ अङ्कोमा संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, जूनी गुजराती - मारु गुर्जर, राजस्थानी वगेरे भाषाओनी अंदाजित ६७४ जेटली नानी-मोटी कृतिओ सम्पादित करीने प्रथम वखत प्रगट करवामां आवी छे, जेमां विषयवैविध्य पण भरपूर मात्रामा रह्यं छे. जेम के मध्यकालमां प्रचलित विविध साहित्यस्वरूपो - काव्य, खण्डकाव्य, महाकाव्य, स्तोत्र, स्तवन, फागु, रास, भास, हरियाळी वगेरे, व्याकरण, शब्दकोश, जैन धर्म-दर्शन, टीका, सुभाषितसंग्रह, ज्योतिष वगेरेनो समावेश थाय छे. अहीं प्रकाशित प्रत्येक कृतिनुं प्रथमादर्श प्रत अथवा कोई एक के एकाधिक प्रतोना आधारे सम्पादन करवानी साथे साथे प्रारम्भमां कर्ता अने कृतिनो परिचय कराववानी साथे साथे
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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