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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १७ महावीरनी चन्दनकाष्ठनिर्मित प्रतिमा माटे कराव्यु हतुं. आ उत्खननथी प्रतिमा अने दानपत्र मळ्यां हतां, जे पाटणमां लाववामां आव्यां हतां. आ बाबतने डॉ. उमाकान्त शाहे भारतमा पुरातात्त्विक शोधखोळनुं प्रथम उदाहरण गणावेल छे. __ आ खास विशेषाङ्को उपरांत भारतीय अने जैनविद्याना दिवंगत थयेला विद्वानो विशे काळजीपूर्वक श्रद्धांजलिओनी नोंधो प्रसङ्गोपात्त प्रकाशित करवामां आवी छे, जेमां जयंत कोठारी, डॉ. अर्नेस्ट बेन्डर, चन्द्रभाल त्रिपाठी, महोपाध्याय विनयसागर वगेरेनो समावेश करवामां आव्यो छे जे बहुविध रीते आवकार्य बनी रहेशे. आ बधा विशेषाङ्को, अवलोकन करतां जणायुं छे के प्रत्येक विशेषाङ्कमां जे ते प्रतिभापुरुष विषयक लेखो उपरांत अन्य विषयोना लेखो समाविष्ट करवामां आव्या छे. आ व्यवस्थाना विकल्पे व्यक्ति स्मृति विशेषाङ्क मात्र अने मात्र सम्बन्धित प्रतिभापुरुषविषयक ज होय के जेमां जीवनचरित्र, संस्मरणात्मक लेखो, पुस्तकोनी समीक्षा, समग्र प्रदान मूल्याङ्कन करता लेखो, वाङ्मयसूचि, तवारीख वगेरेनो समावेश करवामां आवे ते बहुविध रीते सुसंगत अने उपयोगी बनी रहेशे. विज्ञप्तिपत्र विशेषाङ्को ४ विज्ञप्तिपत्र विशेषाङ्को (अं.नं. ६०, ६१, ६४ अने ६५) ए हकीकतमां 'अनुसन्धान'नो नवो पडाव ज छे. आ विज्ञप्तिपत्रो सामान्यतः जैन मुनिओ द्वारा अथवा जैन संघो द्वारा गुरुभगवन्तो / गच्छाधिपतिओने लखवामां आवता होय छे. जेमां जिनवन्दना, गुरुवन्दना, पत्रलेखकना नगर/गाम, अलङ्कृत शैलीमां काव्यमय वर्णन, धर्मकार्यो, जिनालयो, पर्युषणपर्व प्रसंगेनी प्रवृत्तिओ, श्रावक-श्राविकाओ अने मुनिओनां नामो, क्षमापना वगेरे वर्णववामां आवे छे. आ पत्रो जैन मुनिपरम्परा तथा गच्छपरम्परानी काळक्रमानुसार यादी तैयार करवा, जे ते स्थळविशेषनी ऐतिहासिक-भौगोलिक माहिती, साहित्य, भाषा, लिपि, चित्रकळा, इतिहास वगेरे सम्बन्धी माहिती माटे दस्तावेजी मूल्य धरावे छे. समग्र भारतीय साहित्य परम्परा अन्तर्गत एक मात्र जैन साहित्यमां खेडायेल विज्ञप्तिपत्रलेखननी आगवी अने समृद्ध परम्परानी उपयोगिता अने महत्ताने पिछाणीने आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरिजी महाराजे गुजरात अने
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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