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________________ १५० अनुसन्धान- ७५ ( १ ) प्रतियाँ अत्यन्त अशुद्ध एवं भ्रष्ट वाचना देती हैं । अतः उस वाचना को स्पष्ट एवं शुद्ध करने का कार्य बडा ही श्रमसाध्य और अनुभवसाध्य था । हमारी मर्यादा यह थी कि हमारे पास श्रम तो था, मगर अनुभव नहि था । और जिस की सहाय की आशा की जाय ऐसा कोई अनुभवी व्यक्ति भी न था । प्रवाह से उलटी दिशा में तैरने जैसा विकट था यह कार्य ! | १. २. ३. ४. ५. बृहद्भाष्य की गाथा १ से २२ लिखने के बाद, २२ वीं गाथा के उत्तरार्ध से ही गा. ४७९ का आरम्भ हरएक प्रति में हो गया है । यह क्रम गा. ५१३ पर्यन्त चलता है, और वहाँ ५१३ के बाद यकायक २३ वीं गाथा मिलती है । और ऐसी उथलपुथल ग्रन्थ में कई बार आती है। अब कोई भी पढनेवाला पूरे ग्रन्थ का संघटन कैसे कर पाएगा ? । हमने भी अगर अपने हाथों से बृहद्भाष्य न लिखा होता, और थक गये होते, तो यह कार्य नहीं ही कर पाते । पाठों की भ्रष्टता के उदाहरण - 'पयत्थ' के बदले 'पसत्त' (गा. ५११), 'वन्नंति' के बदले ‘यत्तंति' (५०१), 'निव्वत्ती' के बदले 'निज्जुत्ती' (५०८), 'होंतिमे तु' के बदले 'होतिमोतु' (५२८), ऐसे सहस्राधिक भ्रष्ट पाठ थे, जहाँ हमें सही पाठ की कल्पना करने की थी । कई गाथाएँ त्रुटित थी । या तो आधी-अधूरी थी, या तो गाथा के थोडे शब्द हो, शेष न हो ऐसा भी था । उन त्रुटित अंशों की संघटना, पूर्वापर सन्दर्भ एवं प्रकरण आदि के अनुसार कल्पना से करनी होती थी, और जहाँ मिले वहाँ चूर्णि एवं वृत्ति का आधार भी लेते थे । गाथाओं के अङ्क या तो अनेक जगह थे नहि । थे तो कहीं कहीं गाथा के प्रथम चरण पर ही या तीसरे चरण पर ही अङ्क लिख दिया होता था । कहीं पूर्वार्ध में एक गाथाङ्क और उत्तरार्ध में दूसरा गाथाङ्क होता था। पूरी प्रति में ऐसा था । वहाँ हर जगह छन्द के बंधारण को एवं विषयनिरूपण को ध्यान में रखकर गाथाओं का व उनके क्रम का गठन हमने किया है । अर्थ की दृष्टि से भी अस्पष्ट हो, उचित या संगत न हो, ऐसे पाठ अनेक जगह पर थे। एक-दो उदाहरण लें - गा. ६२९ में ‘रुक्खापुव्वेतकवा' पाठ था । यहाँ ग्रन्थकार क्या कहना
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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