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सप्टेम्बर - २०१७
ज्यु कागद हो गयण करेस
सहु वनराया लेखणी तलधरती हो मिसह भरेस
तो ही तुम गुण कुण लिखी सकै... ९ तुज आगे हो अपछरवंद
रंगें नाटिक सहु करें तुम पेखें हो पासकुमार
दुख दुरगति दूरे हरें... तुं दुखियां हो दुख गमाड
दो अपूतां पूंतडा तुं रोगियां हो रोग गमाड
एक-मना जे ध्यावसी... ११ गुण गावीस हो नित्य प्रकार
कर जोडी जिन आगलें तेंवीसमा हो जिनवर पास
सेवकनें सुखिया करो... १२ इतिश्री पार्श्वजिन भव स्तवन संपूर्णम् ॥
सोरठ मरणा तो आया माया
___ अजुन बुजाया म० बाह्य अभ्यंतर बगखग ज्यु
मानुं जोग कमाया... १ म० . निपट निकामी निपट निरागी
नीरमोही निरमाया ध्यांनी आतमग्यांनी जानी
ऐसा रूप दिखाया... २ म०