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________________ जून - २०१७ गोर (कच्छ), डॉ. निरंजन राज्यगुरु (सौराष्ट्र), डॉ. जितेन्द्र बी. शाह आदि विद्वज्जनोनां प्रसंगोचित वक्तव्यो - आ बधांने लीधे समारोह खूब जीवंत अने प्रसन्नकर रह्यो. ट्रस्टना बधा ट्रस्टीओनी उपस्थिति हती. चन्द्रक प्रदान करवानी साथे साथे डॉ. जैनने प्रशस्तिपत्र, सरस्वती देवीनी चन्दननी प्रतिमा, शोल-तिलक-हार-श्रीफल उपरांत १.११ लाखनो धनराशि - आ बधुं अर्पण करवामां आव्युं हतुं. डॉ. जैने, पोताने अपायेल ते धनराशि प्राच्यविद्या शोधपीठना ग्रन्थालयने अर्पण करवानुं जाहेर कर्यु हतुं. उल्लेखनीय छे के श्रीहेमचन्द्राचार्य ट्रस्ट द्वारा, अत्यार सुधीमां अन्य १५ जेटला मूर्धन्य विद्वानोने आ चन्द्रक अर्पण करवामां आवेलो छे. चन्द्रक स्वीकार्या पछी डो. जैने प्रतिभावरूप वक्तव्य आपतां श्रमण संघमां तथा जैनोमां आगमादि शास्त्रोनुं अध्ययन वधारवानी प्रेरणा करी हती. ___ समारोह पूर्ण थया पछी श्रीहठीभाईनी वाडीना जैन संघ द्वारा योजायेल भोजन-समारंभ बाद सहु विखराया हता. डॉ. भारतीबेन शेलतने श्रीपुण्यविजयजी चन्द्रक' आगमप्रभाकर श्रुतशीलवारिधि मुनिराज श्रीपुण्यविजयजीनी दीक्षाशताब्दी निमित्ते, आचार्य श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीनी प्रेरणाथी एक चन्द्रक अर्पण करवानो निर्णय थयो हतो. ते माटे एक फण्ड पण करवामां आवेखें, अने ते फण्ड तथा चन्द्रकने लगती तमाम जवाबदारी गुजरात विश्वकोश ट्रस्टने सोंपवामां आवी हती. चन्द्रक समिति अने विश्वकोश ट्रस्ट द्वारा संचालित आ प्रकल्पना अन्वये अत्यार सुधीमां पांच विद्वानोने चन्द्रक एनायत थयो छे. ते अंगेनो समारोह विश्वकोश भवनमां डॉ. कुमारपाल देसाईनी दोरवणी हेठळ योजाय छे. प्राचीन अने मध्यकालीन जैन के अन्य साहित्यना क्षेत्रे पोतानुं प्रदान अने अध्ययन-संशोधन करनार विद्वानने आपवामां आवतो आ चन्द्रक आ वखते डो. भारती शेलतने आपवामां आव्यो. भारतीबेन, मुख्य प्रदान भारतीय
SR No.520573
Book TitleAnusandhan 2017 07 SrNo 72
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages142
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size9 MB
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