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________________ २९० अनुसन्धान-७१ समयनी खरी चर्चा तो पं० जुगलकिशोर मुख्तार, का० बा० पाठक अने मधुसूदन ढांकी जेवा जूज विद्वानोए ज करी छे; बाकीना लेखकोए तो प्रमाणोनी के दलीलोनी साधकबाधक चर्चाविचारणा कर्या विना ज आ के ते समय आप्यो छे (बाल्सेरोविच २०१४ : २१ थी आगळ). ढांकीसाहेब समन्तभद्रना समयने लगतां तथ्यो, दलीलोनी मूळमां जईने गवेषणा चलावे छे तथा एमनी कृतिओमां जोवा मळता दार्शनिक ख्यालो अने परिभाषा, प्रतिमाविधानने लगता निर्देशो, अने तत्कालीन संस्कृत काव्यनी स्थितिने ध्याने लई एमनो समय ई० स० ५५०-६२५ वच्चे मूकी आपे छे. मन्दिरस्थापत्यना अभ्यासमां अभिलेखो मन्दिरनिर्माणनी निश्चित मिति पूरी पाडता होवाथी ढांकीसाहेबे एनुं अध्ययन करेलुं. पाछळथी जैन धर्म विशे विगते ऊंडो अभ्यास करवान बनतां एमां विस्तार आव्यो. जैन साहित्यनी अने गुर्वावलीओनी आश्चर्य जगवती प्रगाढ जाणकारीनी साथे नवां संशोधनोथी पण पूर्णतया वाकेफ होवाने कारणे तेमज अंकोडा मेळववानी अगम्य शक्तिने कारणे एमणे एमना अभिलेखविषयक अभ्यासलेखोमां वंशावळीओ तारवी आपी छे अथवा मान्य वंशावळीओने वधारे चोक्कस करी आपी छे (सर० जम्ब(क) मंत्रीनी वंशावळी; वरहुडिया कुटुंबनी वंशावळीओ; चन्द्रकुळनी, राजगच्छनी, तथा बृहद्गच्छनी गुरुशिष्य परम्परा; धांधलनो वंश; पोरबंदरना जेठवाओनी वंशपरम्परा, वगेरे); गुजरातना इतिहासनां नजाणीतां के अल्पख्यात तथ्योने अने व्यक्तिविशेषोने प्रकाशमां आण्यां छे; अचोक्कस के सन्दिग्ध पाठने बदले पाठ सुनिश्चित करी आप्या छे; जैन साहित्यमां सचवायेली ऐतिहासिक परम्पराने बीजां साधनोनी मददथी तथ्यमूलक सिद्ध करी आपी छे, अने एम एमणे गुजरातना इतिहासने महत्त्व- प्रदान कर्यु छे. ललित तेमज अन्य कलाओमां ऊंडा रसने परिणामे एमणे छेक पिस्ताळीस वर्षनी प्रौढ वये संगीत शीखवानी हाम भीडी अने हिन्दुस्तानी तेमज कर्णाटक संगीतनी पायानी बाबतोनी जाणकारी मेळवी. जीव मूळे कलारसिकनो होवा उपरांत संशोधकनो तो खरो ज एटले आ बन्ने संगीत-परम्पराना इतिहासमां अने रसकारणमां पण तेओ ऊतर्या. देवालय-स्थापत्यना महाकोशनुं गंजावर काम होवा छतां एमणे थोडो थोडो समय चोरीने संगीतशास्त्रनां संशोधनो कल्. एमनां
SR No.520572
Book TitleAnusandhan 2016 12 SrNo 71
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2016
Total Pages316
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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