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मधुसूदन ढांकी : ग्रन्थसूचि
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अनुसन्धान- ७१
हसमुख व्यास
मन्दिर स्थापत्यना प्रसिद्ध आरूढ निष्णात मधुसूदन अमीलाल ढांकी (ज. ३१-०७-१९२७, अ. २९-०७-२०१६) नो जन्म पोरबंदरमां पोरबंदरमां माध्यमिक कक्षा सुधीनुं शिक्षण लइ पूनानी फर्ग्युसन कोलेजमां उच्च शिक्षण माटे जोडाया. भूस्तरशास्त्र साथ स्नातक थया बाद पोरबंदर परत. अहीं पोरबंदर पुरातत्त्व मण्डळना स्थापक मणिभाई वोरा इ. साथे पोरबंदरनी आसपासना स्थळ- प्रदेशोनी पगपाळा रखडपट्टी करी प्राचीन स्थळ - -अवशेषोनुं निरीक्षण कर्यु. १९५४मां गुजरात राज्यना म्युझियमखातामां जोडाई प्रथम जूनागढ, त्यारबाद जामनगर, राजकोट व. म्युझियमोमां फरज बनावी. आ वर्षो दरमियान आमरा-प्रभास-लाखाबावळ - रोझडी वगेरे उत्खननोमां पण सहायक तरीके कामगीरी बजावी.
सन १९६५-६६मां बनारसमां अमेरिकन इन्स्टिट्यूट ओफ बनारस (जे पछीथी अमेरिकन इन्स्टी. ऑफ इन्डियन स्टडीझ बनी ) नी स्थापना थतां त्यां डेप्युटेशन पर गया. पाछा फरतां खाताकीय गूंचवणना कारणे अमेरिकन इन्स्टी. ओफ इ. स्ट. - बनारसमां जोडाया अहीं भारतना मन्दिरस्थापत्यनो ऊंडो अभ्यास कर्यो; जे 'एन्सायक्लोपीडिया ऑफ टेम्पल आर्किटेक्चर' नामनी ग्रन्थमाळारूपे प्रसिद्ध थइ रहेल छे. प्रस्तुत ग्रन्थमाळा भारतीय मन्दिर स्थापत्यना अभ्यासक्षेत्रे बेनमून छे. आमां तेमनी तद्विषयक सूक्ष्म - चिकित्सक अभ्यासदृष्टि गोचर थाय छे. प्रस्तुत ग्रन्थमाळामां तेओ सह-सम्पादक हता ए नोंध रह्यं.
ढांकीसाहेबनुं प्रमुख कार्य तो भारतीय देवालय - स्थापत्यना संशोधनआलेखननुं. पण तद्उपरान्त पण एमनो शोख अने अभ्यास-संशोधन विविध शास्त्रीय कळाओ प्रति पण हतो.
लगभग जीवनना ५१ वर्ष (१९६३ - २०१६) सुधी सतत गुजराती - हिन्दीअंग्रेजीमां ढांकीसाहेब लखतां रह्या. परिणामस्वरूप गुजरातीमां १७ (सत्तर) अंग्रेजीमां १३ (तेर) अने हिन्दीमां ३ ( त्रण - सम्पादन) ग्रन्थो मळी कुल ३३