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अनुसन्धान-६४
हार रों हीरौं म्हारों, पदम नगीनो म्हारों सदगुरु गुरु म्हारों, परतिख पूरण
- आस हो [टेक संघ समस्त इहां थकी गुरु म्हारों, लेख लिखें श्रीकार हो, त्रिविध त्रिविध करै वंदणा " , अवधारौं गणधार हो. २
हार रो हीरो...... ... श्रीजीना सुपसायथी गुरु म्हारों, छै । कुशल कल्याण हो, श्रीश्रीसाहिबजी तणां " , चाहीनै सुख सुविहांण हो. ३ .
हार रो हीरो...... धन्य जे तुम दरसण करै गुरु म्हारों, सदय ऊगमतौं सूर हो, ते नर सुखसंपति लहै " " , नित नित वधतै नूर हो, ४..
हार रो हीरो..... जे जन तुम वांणी गुरु म्हारों, फरसें प्रभूना पाय हो, जे पडिलाभै भावसूं " " , धन्य ते जन कहिवाय हो. ५ .
हार रो हीरो..... जलधर जिम गुरु मांहरों गुरु म्हारों, वरसै अमृतवांण हो, समकिततरुवर सींचतो " ", नवरस नदीयां निचांण हो. ६
हार रो हीरो...... अवर सूरी(रि) तुझ अंतरो गुरु म्हारों, जेतों सरसव मेर हो, आंध अने वली अर्कनों " " , केल किहां कंथेर हो. ७
- हर रो हीरो..... क्रोधादिक कानें कीया गुरु म्हारों, मदन मनाव्यो आंण हो, मोह महीपति जीतीयों " ", तुं साचों सुलतांन हो. ८
हार रो हीरो..... चंद्र परै चढती कला गुरु म्हारों, करुणासिंधु क्रपाल हो, मनमें हंस अछे घणी " ", देखण गुर दयाल हो. ९
हार रो हीरो..... तुम दरसण अम वल्लहो गुरु म्हारों, घन चातुक भव गंग हो, कुमुदबंधवनें कमोदनी " ", पत्रीने जेम पतंग हो. १०
हार रो हीरो.....
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