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ओगस्ट - २०१३
१२१
माहिती
सादर प्रकाशनार्थ प्राकृत भाषा के विकास हेतु केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत सुझाव
प्रो. फूलचन्द्र जैन प्रेमी संस्कृत/प्राकृत/पाली भाषा के विकास हेतु दिनाङ्क २२-०१-२०१३ को मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा गठित "राष्ट्रीय संस्कृत परिषद्' की बैठक केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मन्त्री माननीय श्री एम.एम.पल्लं राजुजी की अध्यक्षता में शास्त्री भवन में आयोजित हुई । जिसमें देशख्यातिलब्ध भाषाविद्, देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों के माननीय कुलपति एवं सभी संस्कृत अकादमियों के सचिव, उच्च शिक्षा सचिव तथा अन्य अधिकारी सम्मिलित हुए ।
इस परिषद् में प्राकृत भाषा की ओर से नामित सदस्य प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी (निदेशक, बी. एल. इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली) एवं पालि भाषा की ओर से प्रो. भागचन्द जैन भास्कर, नागपुर सम्मिलित हुए।
सर्वप्रथम इस परिषद के सदस्य सचिव एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के मा. कुलपति प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी ने इस परिषद की पूर्व आयोजित बैठक तथा अन्य प्रगति रिपोर्ट के साथ ही राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान एवं उसके दस परिसरों की प्रगति आख्या आदि का विवरण प्रस्तुत किया । कुछ माननीय सदस्यों ने संस्कृत भाषा के विकास एवं उसके व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु अपने सुझाव एवं नई योजनायें केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत की ।
____प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास हेतु प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी द्वारा प्रस्तुत किये गये सुझावों को मा. मन्त्री महोदय एवं सम्पूर्ण परिषद्ने गम्भीरता से सुना, विचार किया और परिषद् की कार्यवाही में सम्मिलित किया गया । अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रमुख छह सुझाव इस प्रकार हैं -
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