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________________ जून - २०१२ गुरुस्वाध्याय ॥ ए ई० ॥ श्रीइन्द्रनन्दिसूरिगुरुभ्यो नमः ॥ दिउ सरसति वाणी, अमिअ समाणी, कविअण धुरि थिर थाइसिउं ए, श्रीइन्द्रनन्दिसूरी, आनन्दपूरी, पट्टपरम्परा गायसिउं ए ॥१॥ वीरपट्टि सामी सोहम्मो, जम्बू प्रभवसामिगुरु रम्मो, सिज्जम्भव जसभद्द सुसाहू, सिरिसम्भूतिविजय भद्रबाहू ॥२॥ थूलिभद्र महागिरि सुहत्थी, इन्द्रदिन्नगुरू सिवसारत्थी, दिन्नसूरि सीहगिरि जाणउं, वयरसेन वज्रसेन वखाणउं ॥३॥ चन्द्रसूरि सामन्तभद्र सुणीइ, देवसूरि प्रद्योतन भणीइ, मानदेव मानतुङ्ग मुणिन्द, वीराचार्य सूरिगुरु चन्द ॥४॥ तासु पट्टि जयदेव यतीस, देवानन्द नमउ सूरीस, श्रीविक्रम नरसिंह नमीजइ, श्रीसमुद्र मानदेव थुणीजइ ॥५॥ घातः- विबुहसूरी कियदुखदूरी, जयानन्द रविपह गुरू ए, जसदेव विमलचन्द, श्रीउद्योतन सर्वदेवसूरीसरू ए ॥६॥ अजितदेवसूरि आनन्दपूरी, विजयदेव सोमप्पहसूरी, सिरिमुनिचन्दसूरिगुरु वन्दउ, अजितसिंहसूरि चिर नन्दउ ॥७॥ विजयसेन मणिरयण सुजाण, सिरिजगचन्दसूरिगुरुभाण, बार वरस अम्बिलतपकारी, वस्तुपाल हूउ तिणिवारी ॥८॥ बारपञ्च्यासी (१२८५)वरस पसिद्धउ, तपा बिरुद मन्तीसरि दिद्धउ, जावजीव अम्बिलतप किद्धउ, जिणि जगि मज्झि सुजस घण लद्धउ ॥९॥ सिरिदेविन्दसूरि मन मोहइ, धम्मघोष सोमप्पह सोहइ, सोमतिलक सच्चउ गुरुराय, जयानन्दसूरि सेवउ पाय ॥१०॥ सिरिदेवसुन्दर सूरिसोमसुन्दर, सिरिमुनिसुन्दर सूरिवरा, गुरुसिरिजयचन्द, धुरि रयणशेखर, सूरिलच्छीसायर लच्छिकरा ॥११॥ तासु पट्टि गुरु पूनिमचन्दो, चउविह सङ्घ करइ आणन्दो, सिरिइन्द्रनन्दिसूरि जुगहपहाणो', महिमा महीअलि मेरु समाणो ॥१२॥ महिमण्डलि मरुदेस महन्तो, तिहि पुर पट्टण वसइ वसन्तो, व्यवहारी धुरी चम्पक साहो, सीतादेवि तणउ ते नाहो ॥१३॥
SR No.520560
Book TitleAnusandhan 2012 07 SrNo 59
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2012
Total Pages161
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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