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________________ जून २०१२ द्वितीयकृतिसारांश : कविए इन्द्रसूरिजीने उद्देशीने अन्य एक कृति रची छे. ते गुरुभास सड्जक रचना होई जीवनचरित्र पर प्रकाश पाडनारी कृति होवी जोइए. परंतु कृतिमां इन्द्रनन्दिसूरिजीना पिताना नाम सिवाय अन्य कशी विशेष नोंध नथी. कृति सामान्य छे. कविए गुरुना गुणोनुं वर्णन सहिअरने मुखे रजू कर्तुं छे. कृतिकार अने तेनी अप्रगट अन्य रचनाओ कृतिकार लावण्यसमय एक सुप्रसिद्ध कवि छे. रङ्गरत्नाकरछन्द, विमलप्रबन्ध जेवां काव्यो तेमना कवित्वनो परिचय आपतां अजोड काव्यो छे. कविनो विशेष परिचय अहीं न आपता वाचकोने 'रङ्गरत्नाकरछन्द'नी शिवलाल जेसलपुरानी के भोगीलाल साण्डेसरानी प्रस्तावना जोवा विनंती. कविनी हजु प्रायः ४१ जेटली कृतिओ अप्रगट छे. अहीं तेनी सामान्य नोंध आपी छे. विस्तृत नोंध माटे दर्शनाबेन कोठारीनुं साहित्यसूचि पुस्तक जोवा वाचकोने विनंती. कृतिनाम अध्यात्मस्वाध्याय २ अन्तरङ्ग गीत १ ३ आठमद स्वाध्याय ४ आत्मजीवस्वाध्याय ओगणत्रीसीभावना ५ ६ कायाप्रतिबोधस्वाध्याय क कृतिनाम १५ ते गुरवा स्वाध्याय १६ दाननी सज्झाय १७ दृढप्रहारी गीत ६ | १८ दृढप्रहारी सज्झाय १९ नवग्रहगर्भित गीत ७ २० नेमराजुल स्तवन १२ २१ नेमजिनस्तवन २३ २२ पञ्चइन्द्रियगीत २३ पञ्चतीर्थस्तवन २४ नवपल्लवपार्श्वनाथ १९ ७ कांकसा गीत ८ गोडी पार्श्वनाथ गीत ९ गोरी सांवली गीत विवाद १० गौतमस्वामीनुं स्तवन ९ ११ गौतमस्वामीनी स्तुति १२ चौदस्वप्न स्तवन १३ छोती चतुष्पदी १० ४६/२५ २५ पुण्यपापफल भास ६८ २६ बलभद्रस्वाध्याय १४ जीवराशि खामणा विधि १४७ २७ मनमांकड स्वाध्याय प्रभाति स्तवन कडी ८ १२ १२ २४/१२ ४ १९ ३५ / ३८ १० २९
SR No.520560
Book TitleAnusandhan 2012 07 SrNo 59
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2012
Total Pages161
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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