SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 159
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५२ अनुसन्धान-५९ संशोधन-माहिती मुनिश्री धर्मरत्नविजयजी निम्नलिखित ग्रन्थो पर संशोधन-सम्पादन करी रह्या छ : १. श्रीहरिभद्रसूरिकृत पञ्चाशक-प्रकरण-टीका, टीकाकर्ता : आ. यशोभद्रसूरि. जेसलमेर-भण्डारमाथी प्राप्त, सं. ११२१मां लिखित ताडपत्र-प्रतिना आधारे कार्य चालु छे. अन्य प्रतिओ (ताडपत्र के हस्तप्रति) उपलब्ध थाय तो कार्य सुगम थाय. श्रीअजितनाथचरित्र, कर्ता : आ. देवानन्दसूरि (संस्कृत-पद्यात्मक). आगमप्रभाकर मुनिश्री पुण्यविजयजी द्वारा करवामां आवेल प्रेसकॉपीना आधारे कार्य थई रह्यं छे. अन्य पोथीओ मळे तो कार्य वधु सुन्दर थई शके. ३. श्रीनेमिनाथचरित्र, कर्ता : आ. रत्नप्रभसूरि-शिष्य (संस्कृत-पद्यात्मक). श्रीपुण्यविजयजी-निर्मित प्रेसकॉपीना आधारे. अन्य प्रतिओ अपेक्षित. ४. सूत्रकृताङ्गसूत्र-चूर्णि भाग २, पाटण, अमदावाद (ला.द.) ना भण्डारोनी हस्तप्रतिओना आधारे. उपरोक्त ग्रन्थो सम्बन्धित प्रतिओ तेमज विशेष जाणकारी सम्पादक मुनिश्रीने अपेक्षित छे. तेमनो सम्पर्क - संजय रिपेरिंग वर्क्स १६, क्रिश्ना कोम्प्लेक्स, गांधी रोड, अमदावाद-३८०००१
SR No.520560
Book TitleAnusandhan 2012 07 SrNo 59
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2012
Total Pages161
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy