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________________ जून २०१२ १०१ उपरनां तारणो केम स्वीकार्य न बनी शके ते क्रमशः जोईओ १. जैन श्रमणो विक्रम संवत्नी उत्पत्तिथी पहेलां कालगणना माटे जेम युगप्रधानो के स्थविरोनी गणतरी पर आधार राखता हता, तेम विक्रम संवत्नी उत्पत्ति पछी पण घणा समय सुधी ते पट्टावलीओ ज कालगणना माटे मनो मुख्य आधार हती. विक्रम संवत् साथे जैनोनो नातो आमे शिथिल हतो. अने तेथी ज वीरनिर्वाणना १५मा सैका सुधीना जैन ग्रन्थोमां प्रायः विक्रम संवत्नो उल्लेख नथी देखातो. अटलुं ज नहीं, विक्रम संवत् ८९८ ( वीरनि. सं. १३६८) पूर्वेनो विक्रम संवत्नो निर्देश तो जैनेतर क्षेत्रमां पण क्यांय नथी देखातो'. आ संजोगोमां, वीरनिर्वाणना १० मा सैकामां जैन श्रमणोमां वीरनिर्वाण संवत्ना मतभेदनी बाबतमां विक्रम संवत् निमित्त बने, (के जे संवत् क्यारथी शरू थयो, शा माटे शरू थयो व. आज सुधी निर्णीत थयुं नथी) ते थोडुं विचारणीय लागे छे. — २. विक्रम संवत्नी बाबतमां प्रवर्तती अनिश्चितता, जे निश्चित हतो ओवा वीरनिर्वाण संवत्नी बाबते अनिश्चितता सर्जवामां कई रीते निमित्त बने ? कहेवानो मतलब से छे के बन्ने गणनाकारोना मते श्रीदेवर्द्धिगणिनी वाचनानुं वर्ष जेम वि.सं. ५१० निश्चित हतुं, तेम पट्टावलीओना आधारे जो वीरनि. सं. ९८० पण निश्चित होय, तो विक्रम संवत् क्यारथी शरू थयो ओ मुद्दे तेओ विक्रम संवत्ने बदले वीरनिर्वाण संवत्मां शा माटे फेरफार स्वीकारे ? ३. विक्रमादित्ये राज्यारम्भना अमुक समय पछी संवत् प्रवर्ताव्यो ओवा उल्लेख मळे छे. पण आ समयगाळो १३ वर्षनो ज हतो ओवो ओक पण उल्लेख प्रायः मळतो नथी. तो वालभी गणना १३ वर्षनो ज आग्रह शा माटे राखे ? ४. युगप्रधानपट्टावलीओ के स्थविरावलीओ साथे चेडां करवानुं अने तेम करीने विसंगतिओ सर्जवानुं काम जैन श्रमणो करे ते कदापि स्वीकारी न शकाय. वळी, पट्टावलीओमां १३ वर्षनी उमेरणी माटे अनेक विकल्प शक्य होवाथी, जो १३ वर्षोनो उमेरो पाछळथी थयो होत तो पट्टावलीओमां ते बाबते भिन्नता जोवा मळत. पण अवुं तो नथी. वालभी गणनाने अनुसरती तमाम पट्टावलीओ, स्थविरावली व. ग्रन्थोमां अकसरखी रीते श्री श्रीगुप्ताचार्यनी गणतने
SR No.520560
Book TitleAnusandhan 2012 07 SrNo 59
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2012
Total Pages161
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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