________________
डिसेम्बर २०११
बीज फूल फल पान जेतलां । छालि काठ मूल तेतलां । ते वनराइ कहीइ प्रत्येक । वेद नपुंसक पंचइ एक ॥१९॥ अष्ट जोयण वडनु विस्तार । वेला सहस जोयण निस्तार । आहार सयर इंद्रय ऊसास । पर्याप्ति पूरी च्यारइ जास ॥२०॥ योनि लाख दस एहनी जाणि । एकेंद्रीना च्यारि प्राण । सासोसास काय बल आयु । स्पर्शनेंद्रय हिव कहुं परमायु ॥२१॥ अठ पअंतर महूरत सवि सही । वर्ष सहस बावीसइ मही । सात सहस वच्छर अपकाय । त्रिण्णि दिवस हुताशन आय ॥२२॥ वच्छर त्रिण्णि सहस जे वाय । वर्ष सहस दश वणसइकाय । ए पंचइ हुंडक संस्थान । बावन लाख एकेंद्री मांन ॥२३॥ छाण योनि बाबति जूजूआ । जीव बहूपरि कुल इम हुआ । बार कोडि लख कुल पुढवीना । सात कोडि लख हुइं आपना ॥२४॥ त्रिणि तेऊ वाऊना सात । वणसय अट्ठावीस कुल जात । लेश्या कृष्ण नील कापोत । सयर ऊदारिक कार्मण ज्योति ॥२५॥ वाउकाय वैक्रय विशेष । इम एकेंद्रय कहिया निःशेष । हिव कहुं बिति चउरेंदी गुहिर । जेहं सरि हाड मंस नही रुहिर ॥२६।। बेंद्रीनइ काया मुक्ख । अलस जलो सीपूना शंख । कृमि पुरा ईअल गंडोल । कहितां पार नही इंडोल ॥२७॥ तेंद्री बोलु बहू छता । काया मुख नाशा अधिकता । कीडी मंकोडी जूअ लीख । मांकड चांचड मानव सीख ॥२८॥ कीडा ऊदेही घीमेलि । गीगोडा कातरा चूडेलि । गादहींआ खज्जूरा जूआ । केता कहु नामि जूजूआ ॥२९॥ हिव चउरिंदी बोलूं वयण । काया मुखनइ नाशा नयण । वीछी ढंकण भमरा टीड । डांस मसा पंखाला कीड ॥३०॥ कोकीआ मच्छर पत्तंग । देखी ज्योति जेहं लागइ रंग ।। फाकां फूदी कृती भाति । माखी भमरीनी बहू जाति ॥३१॥ विगलेंदीय ए आगम भाख । प्रत्येकि छइ बि बि लाख । बि ति चउरेंदीनां कुल कोडि । सात आठ नव लाखह जोडि ॥३२॥