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डिसेम्बर २०११
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स्वाध्यायः विशेषावश्यक महाभाष्यनो स्वाध्याय करतां...। [विशेषावश्यक भाष्य, वांचन-स्वाध्याय करतां जडेलां शुद्धिस्थानोनी नोंध प्रायः चार के पांच हिस्सामा अगाऊ 'अनुसन्धान'मां आपेली छे. छेल्ली नोंध ३६मा अंकमां हती. त्यारबाद छेल्ली नोंध आपवानी रही गई, ते आ अंकमां आपवामां आवे छे.]
विशेषावश्यकभाष्य - शुद्धिपत्रक
पंक्ति
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अशुद्ध णत्थि ओ अहवोसप्पु-सप्पि० एसा व चूओऽचूओ वा ०वस्त्रादिभिर्बाह्य सम्मत्तं ति सुपत्थिओ नओ कस भवो आउ नोकर्मद्रव्यकषया
भिउडीभंगुरा० ०जीवज्जीवाणु० पुष्पं फलं० ०शोधनरूपउपादानसाधनः नमोऽरहा निरुक्तसमय
शुद्ध णत्थि उ अहवोसप्पु-स्सप्पि० एसा वा चूओ अचूओ वा ०वस्त्रादिर्बाह्य० समत्तं ति सुप्पत्थिओ तओ कसं भवो आओ नोकर्मद्रव्यकषाया भिडडिभंगुरा० जावज्जीवाणु० पुप्फ कलं० ०शोभनरूपअपादानसाधनः नमो अरहा निरुक्तसम्भव
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