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________________ १७० अनुसन्धान-५६ के अयथार्थ तो अयथार्थ, वस्तु साक्षात्कार तो छ ने ? तेने क्यां समाववो? वृद्धसम्प्रदाय आ विभङ्गदर्शनने चक्षुर्दर्शन ज गणे छे, तो वि. भाष्य-८१८ मां उल्लिखित मत प्रमाणे विभङ्गदर्शन अवधिदर्शननो ज अेक प्रकार छे. भगवतीजीमां तो मिथ्यात्वीने पण साक्षात् अवधिदर्शन ज प्रतिपादित करवामां आव्युं छे.१ * मनःपर्यवज्ञानमां दर्शन न होवा छतां, नन्दीसूत्रगत मनःपर्यवना निरूपणमां "तत्थ दव्वओ णं उज्जुमती अणंते अणंतपदेसिए खंधे जाणति पासति" ओ वाक्यखण्डमां 'पासति' केम कह्यु ? नन्दीसूत्रना टीकाकारो आनो खुलासो आम आपे छे : "मनःपर्यवज्ञानी, संज्ञी जीवे मन पणे परिणमावेला अनन्ता अनन्तप्रदेशोवाळा स्कन्धोने अने तद्गत वर्णादि भावोने साक्षात् जोइ शके छे, तेथी 'जाणति' कह्यु छे. चिन्तित अर्थ जो के साक्षात् जोइ शकातो नथी, कारण के चिन्तित अर्थ तो अमूर्त पण होय अने छद्मस्थ जीव तो अमूर्तने जोइ शके नहीं. तेथी अनुमानथी ज चिन्तित अर्थने जुओ छे तेम जणाववा ‘पासति' का छे."२ हवे आ 'पासति' कया दर्शनात्मक होइ शके ते विशे विविध मत छे. अचक्षुर्दर्शन, अवधिदर्शन के मनःपर्यवदर्शनथी, आ अनुमानित चिन्तितार्थनो साक्षात्कार स्वीकारता मतोनो निरास वि. भाष्य-८१५ थी ८२१मां जोवा मळे छे. वि.भाष्यकार पोते आ साक्षात्कारने 'मनःपर्यवज्ञान-साकारपश्यत्ता' गणे छे. ___ आमां चिन्तित अर्थ अनुमानथी जणाय छे ओ टीकाकारोनी वात अने आ अनुमित अर्थनो साक्षात्कार मनःपर्यवज्ञाननी साकार-पश्यत्ताना बळे थाय छे भाष्यकारनी वात चोक्कस बराबर छे; परन्तु समस्या ओ छे के श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान के केवलज्ञानना निरूपणमां जेम 'जाणति'नो विषयभूत पदार्थ ज 'पासति' नो विषय समजवामां आवे छे, तेम अत्रे अनन्त मनःस्कन्धो के जे १. "ओहिदंसणअणागारोवउत्ता णं भंते ! किं नाणी अन्नाणी ? गोयमा नाणी वि अन्नाणी वि..जे अन्नाणी ते नियमा मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभङ्गनाणी त्ति" - षडशीति गाथा २१- टीकामां उद्धृत २. "मणितमत्थं पुण पच्चक्खं ण पेक्खति, जेण मणालंबणं मुत्तममुत्तं वा, सो य छउमत्थो तं अणुमाणतो पेक्खति त्ति अतो पासणता भणिता" - नन्दीचूर्णि
SR No.520557
Book TitleAnusandhan 2011 09 SrNo 56
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size115 KB
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