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________________ मई २०११ १३९ देशमां अक पण ग्रन्थालय नथी के जेमां कुल प्रकाशित सूचिपत्रोनां ६०% सूचिपत्रो प्राप्य होय. सूचिपत्रोनी दृष्टिले समग्र देशमां Central Secretariat Library, New Delhi सौथी वधु समृद्ध संग्रह धरावे छे. अेक ग्रन्थालयी तरीके अनुभव्युं छे के अध्यापको सूचि खरीदीमां भाग्ये ज रस दर्शावे छे. ७.६ १९४७ पूर्वे भारतीयविद्याना प्रतिभासम्पन्न विद्वानोओ सूचिओ तैयार करी हती, ज्यारे स्वतन्त्रता बाद मुनि पुण्यविजयजी, मुनि जिनविजयजी, मुनि जंबुविजयजी जेवा थोडाक अपवादो बाद करतां प्रायः व्यवसायी सूचिकारोओ सूचिओ बनावी छे. संस्थाओना वडाओ प्रत्यक्ष रीते आ कार्यथी प्रायः अळगा रह्या छे. आम छतां, वास्तविक सूचिकर्ताओनां नाम सूचिपत्रोनां शीर्षकपृष्ठ उपर भाग्ये ज जोवा मळे छे. ७.७ पाश्चात्त्य पौर्वात्यविदोनुं हस्तप्रत सर्वेक्षण, सम्पादन अने सूचिनिर्माणमां घणुं मोटु प्रदान रह्यं छे. ८. भारतीय हस्तप्रतोनां सूचिपत्रो : आंकडाकीय परिप्रेक्ष्यमां : केन्द्रिय सचिवालय ग्रन्थालय, नवी दिल्हीमां मारा कार्यकाळ (१९७९१९९१) दरम्यान आ लेखक अने ग्रन्थालयना तत्कालीन डायरेक्टर श्री एस.सी.बिस्वास द्वारा भारतीय हस्तप्रतोना वाङ्मयसूचिगत सर्वेक्षणनो प्रोजेक्ट INTACH ना आर्थिक सहयोगथी वर्ष १९८४ थी १९९० दरम्यान हाथ धरवामां आव्यो हतो. आ प्रोजेक्टना उपक्रमे अमारा द्वारा “Bibliographic Survey of Indian Manuscript Catalogues : Being a Union List of Manuscript Catalogues' तैयार करवामां आव्युं, जेनुं प्रकाशन Eastern Book Linkers, New Delhi द्वारा १९९८मां करवामां आव्युं हतुं. आ प्रोजेक्ट अन्वये अमे ६९ थी अधिक भारतीयविद्या संस्थाओ, युनिवसिटीओ, राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठो, राष्ट्रिय ग्रन्थालय वगेरेनां ग्रन्थालयोनी रुबरु मुलाकात लइने भारतीय हस्तप्रतोनां केटलोग्सनी सटिप्पण (annotated) वाडमयसूचि अने संघसूचि तैयार करी. प्रस्तुत सूचिना आधारे भारतीय हस्तप्रतोनां सूचिपत्रोनी रसप्रद आंकडाकीय विगतो नीचे मुजब छे. - प्रथम ज्ञात प्रकाशित सूचिपत्रना वर्ष १७३९ थी १९९० सुधी प्रकाशित भारतीय हस्तप्रतोनां सूचिपत्रोनी कुल संख्या : ८४८ (कुल खण्ड १७०८)
SR No.520556
Book TitleAnusandhan 2011 06 SrNo 55
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages158
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size2 MB
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