SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 132
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२६ अनुसन्धान-५५ रह्यं. आ उपरान्त अंग्रेजी लेखको माटे मेयर्स अन्ड मेयर्सना लेखककोश जेवो संस्कृतना लेखको माटेना Comprehensive and exhaustive कोशनो अभाव छे. ५. भारतीय हस्तप्रतोनुं सर्वेक्षण अने सूचिपत्रो : औतिहासिक परिप्रेक्ष्यमां विश्लेषण : भारतमां पोर्टगीझ पादरीओओ सौ प्रथम गोवामां ई.स. १५५६मां प्रिन्टींग प्रेसनी स्थापना करी हती. परंतु प्रायः १८मी सदी सुधी तेनो खास प्रभाव जोवा मळतो नथी. गुजराती भाषानुं प्रथम ज्ञात पुस्तक छेक १८०८मां प्रगट थयुं हतुं. हस्तप्रतोना सर्वेक्षण अने सूचिपत्रोना प्रकाशन प्रवृत्तिने नीचे दर्शाव्या मुजब मुख्य ४ तबक्काओमां वहेंची शकाय. १. प्रारम्भिककाळ (१७३९ थी १८६८) २. सुवर्णयुग (१८६९ थी १९००) ३. राष्ट्रीय जागृतिकाळ (१९०१ थी १९४७) ४. स्वातन्त्र्योत्तरकाळ (१९४७ थी आज दिन सुधी) ५.१ प्रारम्भिककाळ (१७३९ थी १८६८) भारतमां प्राचीन समयथी राजा-महाराजाओ, धार्मिक संस्थाओ, विद्यालयो अने पण्डितवर्ग पोतपोताना अंगत हस्तप्रत संग्रहो धरावता हता अने तेनी सामान्य सूचिओ पण तैयार करवामां आवती हती, जेनां प्रमाणो आजे पण उपलब्ध छे. प्रस्तुत अभ्यासमां मात्र प्रकाशित हस्तप्रत सूचिपत्रो अने अहेवालोने ध्यानमां लेवामां आव्यां छे. २८७ भारतीय हस्तप्रतो वर्णवतुं प्रथम सूचिपत्र पेरिसमांथी १७३९मां प्रगट थयुं हतुं, जे आ अभ्यासतुं प्रारम्भ बिन्दु छे. आ समयगाळानी सौथी मोटी अँतिहासिक घटना भारतमा प्रारम्भमां ईस्ट इन्डिया कंपनी, अने त्यारबाद इंग्लेन्डनी राणी, शासन स्थपायु. परिणामे राजकीय अने अन्य परिवर्तनो उपरान्त प्रस्तुत अभ्यास साथे प्रत्यक्ष या परोक्ष रीते प्रभावक परिबळ ते पाश्चात्त्य ढबे अंग्रेजी शिक्षण प्रणालीनो प्रारम्भ थवो. ब्रिटिश सनदी अधिकारीओओ भारतीय भाषा-साहित्यमां रस लइने तेनो सघन अभ्यास करी पाश्चात्त्य विद्याजगतने भारतीय विद्यानी समृद्धिनो परिचय कराव्यो. बंगाळानी सुप्रिम कोर्टना न्यायाधीश अने प्रखर पौर्वात्यविद सर विलियम
SR No.520556
Book TitleAnusandhan 2011 06 SrNo 55
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages158
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy