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________________ ४० अनुसन्धान-५४ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-२ परन्तु एक वात चोक्कस के पीटर्सन हेमचन्द्राचार्य, योगशास्त्रने के जैन धर्मने ऊतारी पाडवाना आशयथी एक पण वाक्य बोल्या जणाता नथी. बल्के तेमना समग्र वक्तव्यमां एकंदरे आ सर्व प्रत्ये अहोभाव ज नीतरतो अनुभवाय छे. अने तो ज 'जैन धर्म प्रकाश'मां तेने स्थान मळ्युं होय. जैन धर्म अने तेनी परम्पराथी सदंतर अनभिज्ञ एवो एक विदेशी विद्वान, जैन धर्म, हेमाचार्य, योगशास्त्र इत्यादि परत्वे केवा खयालो बांधी शके छे, तेनो अणसार आ प्रवचन द्वारा सांपडशे. आजथी सो वर्ष पूर्वे, आवा विद्वानोए जैन धर्म विषे जाणकारी जगतमां फेलाववा माटे करेला आवा उत्तम प्रयासोनुं समसामयिक मूल्य ओछु नथी. अस्तु. -शी.] जैन लोकोना प्रसिद्ध धर्मगुरु हेमाचार्यजीना सम्बन्धमां तथा तेणे रचेला योगशास्त्र नामना पुस्तकना सम्बन्धमां अलफीन्स्टन कोलेजना संस्कृतना शिक्षागुरु डा. पीटरसने पूनामां डेकन कोलेजना विद्यार्थीओ हजुर थोडा वखत पर जे रसीलुं व्याख्यान आप्यु हतुं, ते नीचे प्रमाणेनुं छे. डेकन कॉलेजना विद्यार्थीओ ! तमारी जातना तथा तमारी भूमिना ओक महान लेखक तथा धर्मगुरुना सम्बन्धमा आजे तमारी हजुर केटलुक विवेचन करवानुं हुं धारुं छं. ते कंइ ओक मराठो ब्राह्मण हतो नहि; तेम वळी जूना विचारनो ओक हिन्दु पण ते कंइ हतो नहि. ते तो ओक ओवा धर्मनो हतो के जेने तमे तथा तमारा बापदादाओ तमारा स्थापित धर्मथी विरुद्ध गयेला जैनमतना नामथी ओळखतां आव्या छो. अम छतां स्वतन्त्र विचारना केळवायेला हिन्दुओर्नु स्वदेशाभिमान मात्र दक्षिण अथवा गुजरातथी अटकतुं नथी. पण आखा देशने तेओ पोतानो गणे छे. अने विद्वानो कोईपण धर्ममतने खोटा गणी तेनी तरफ अभावथी जोता नथी, पण ते सघळा बराबर तपासे छे. ने ते सर्वेमां तेमने कंइक ने कंइक सारुं ने नवं ज मालूम पडी आवे छे. हं जे महापुरुष विशे तमारी पासे व्याख्यान करवा मांगुं छु, ते महापुरुषे पोतानी लांबी अने मोटी मोटी मुश्केलीभरेली जिंदगी नठारां काम करवामां नहि पण सारा काम करवामां ज गाळी हती. अमणे
SR No.520555
Book TitleAnusandhan 2011 02 SrNo 54
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages209
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size2 MB
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