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________________ १७६ अनुसन्धान-५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-१ ओम कहीने स्वधर्मे परमनिष्ठ छतां परधर्मे पूरा समन्वयवादी, सर्वधर्मसमभावनी केडी कंडारनारा महापुरुष तरीकेनुं ओमनुं विविधरंगी व्यक्तित्व इतिहासनां प्रमाणो आपीने प्रस्फुटित कर्यु हतुं. त्यारबाद प्रशस्तिपत्रोनुं वांचन : मनोज रावल, हर्षद त्रिवेदी, निरंजन राज्यगुरु द्वारा थयुं अने त्रण विद्वज्जनोनुं सन्मान माला, श्रीफळ, शाल, सरस्वतीनी प्रतिमा, प्रशस्तिपत्र तथा अकावन हजारनी राशिना चेक साथे हेमचन्द्राचार्य-चन्द्रकनी अर्पण-प्रदान विधि ताळीओना गडगडाट वच्चे तथा वेदोक्त ऋचाओ अने जैन माङ्गलिक श्लोकोना पठनउच्चारण साथे करवामां आव्यु. सन्मान/बहुमान पछी तुरत ज चन्द्रक-विभूषित त्रणे महानुभावोना हस्ते आचार्यश्री अने तेमना मुनिओ द्वारा लिखित अने सम्पादित त्रण पुस्तको १. सिद्धहेम-लघुवृत्ति-उदाहरण-कोश, २. धर्मतत्त्वचिन्तन, ३. श्रीहेमचन्द्राचार्य अने तेमणे रचेल महादेवबत्रीशी- विमोचन करवामां आव्यु हतुं. ओ पछी श्री कनुभाई जानी, श्री लाभशंकर पुरोहित अने श्री हसु याज्ञिक द्वारा पोताना थयेला बहुमान अंगे प्रतिभाव वक्तव्यो अपायां. अतिथि-विशेष श्री मधुसूदन ढांकी साहेबे आ प्रसंगे जैन संघ तरफथी आ रीते जैनेतर साहित्यना त्रण ऊंडा अभ्यासीओ- सन्मान थयुं ओ बदल पोतानी प्रसन्नता व्यक्त करीने हेमचन्द्राचार्य तथा सिद्धराज जयसिंहना इतिहास अंगे प्राप्त थता प्रमाणभूत सन्दर्भो विशे हिन्दी भाषामां विद्वत्तापूर्ण व्याख्यान आप्युं हतुं. आ प्रसंगे अमरेलीथी खास उपस्थित रहेला संस्कृत भाषा-साहित्यना राष्ट्रीय कक्षाना विद्वान पंडित अने गुजराती साहित्य, संस्कृति तथा लोकवाणीना मरमी, परखंदा मालमी श्री वसंतभाई परीख साहेबे ज्ञानामृतनुं पान करवा आटला लांबा समय सुधी अकधारा बेसी रहेला खरा अधिकारी श्रोताजनोनुं अभिवादन करीने आवा ज्ञान-भक्तिसभर कार्यक्रमने बिरदाव्यो हतो. अने पू. महाराजसाहेब द्वारा गुजरातनी संस्कारभागीरथीना त्रण प्रवाह जेवा अणमोल मोतीडांने पारखीने अमनुं यथोचित बहुमान थयुं अने हजु साहित्य-संशोधन अने शब्दसाधना करनारी पेढीनो जीवन्त प्रवाह वही रह्यो छे ओनी प्रतीति कराववामां आवी ते बदल आनन्दनी लागणी व्यक्त करी हती. तो गुजराती साहित्य परिषदना पूर्व प्रमुख अने वर्तमान ट्रस्टीश्री
SR No.520554
Book TitleAnusandhan 2010 12 SrNo 53
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages187
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size845 KB
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