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________________ अनुसन्धान ५२ टिप्पणी हिला = निन्दा = अवहेलना. | मेल्हण = मेल्हाण = मुकाम-पडाव. परभाति = प्रभाते वदिता = वेदिका नाकीघर = देव-गृह आठ खूणाली = आठखुणावाळो = अष्टचरड = लुटारो कोण सुगाल = सुकाल धव = धावडीनुं वृक्ष हाली = खेडूतने त्यां गुलाम जेवी दशामां | वरग = वर्ग काम करतो मजूर रातो = रक्त = रागवाळो खेडो = खेतीमां रोपणी करनार माणस प्रवृत्तिवाहक = समाचार लावनार सिलावटा = सलाट = पथ्थर घडनार = नरखी = नीरखी शिल्पी गोपय = गायर्नु पयस = गायनुं दूध न मान = प्रमाण रहित-बेसुमार लंक = कमरनो उपरथी पहोळो अने कोशिस = कपिशिर्षक = कांगरा नीचेथी सांकडो भाग भुंगल = भोगळ = अर्गला नेट = नक्की सेरी = शेरी = नानो मार्ग निकन्द = नाश चचरिइ / चच्चर = चत्वर = चोगान वास = वर्ष संकिरण = संकीर्ण = सांकडु साप = श्राप रथाली = रथनी पंक्ति अडमात = अष्ट प्रवचन माता. सुम = पुष्प सेटी = सेतिका = खडी चूनो अप्पडिहयगइ = अप्रतिहतगति. उखेव्या = उद+क्षिप् = फेलावq, धुप छेह = छेडो. करवो जमले = साथे, सरवाळे जल्ल = दोरडा पर नाचनारा । झाज = जहाज लेखा = वांस पर नाचनार नट जाति आथे = मूळी / मदद मंखा = राजानो भाट / चित्रपट बतावी जोहा = योद्धा गजरान चलावनार गुजरान चलावनार हेवा = खेवना = झंखना पाखलिइ = चोपास = चारे बाजु । जीतकलप = जेनो उल्लेख शास्त्रोमां न शीत = सीत = श्वेत होय पण, गीतार्थो जेने मान्य करे करंडा = कारंडा नामना हंस ते परम्परागत आचार. वेंहल = वेल-वेलडु–गाडु | वेल = भरती
SR No.520553
Book TitleAnusandhan 2010 09 SrNo 52
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages146
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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