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जून २०१०
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आदिपद ...तुम माइबीउ सिखिन्न म(स?) हुत्त ...नउं । अवररायजय मगउं यह अक्षर शार हे ॐ नमो देवाधिदेवं, तास ॐ विजया शान्तिकरा देवी अंधकारु गमिले प्रगट प्रगासे अट्ठ छंद दस दूहडा अब मि पायोरी परम अरिहंत मुखकजवासिनी आंबाडालें सुडली तस पंख ज आज घरि घरिइं वधामणां आदरि समरी आदिभवानी आदिलप्रमुख श्रीजिनवरा ऊठि घुटि घणउं चेतना नारि ऊलट अंगि अपार कामिनि करउ ऋषभ अजित संभव जिनो ऋषभ जिणंद मया करी रे
आदिपदानुक्रम (१७९) कृतिनाम गौतमस्वामीरास भीमछन्द दोधकबावनी सरस्वती-बारमासा सरस्वतीस्तोत्र नवगीतिका गौतमस्वामिच्छन्दांसि विजयदेवसूरिगीत सत्तरभेदीपूजा-सस्तबक हरियाळी जयकेसरीसूरिभास दशार्णभद्रराजर्षि-श्लोक विजयवल्लीरास सिद्धस्वरूप-स्वाध्याय जयकेसरीसूरिगीत वासुपूज्यजिन-पुण्यप्रकाश-स्तवन चोवीस जिनगीतो
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