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मार्च २०१०
चमत्कारना तत्त्वने कारणे - Striking element थी पोतानुं अस्तित्व टकावी राखे छे. धूर्तकथाओमां Striking element विशेष होय छे, कायम याद रही जाय अq होय छे अने प्रेमकथाओमां स्थानीयरंग, संवेदन अने मर्मने स्पर्शवानी शक्ति विशेष होय छे तेथी लोककथाना ते प्रकारो सदीओ सुधी पोतानुं अस्तित्व टकावे छे. ४. कथायुक्ति Story-deviceथी जेना केन्द्रमा मुख्य अक स्फोट होय अवा ढूंका, स्वयंसम्पूर्ण लघु कथानक जन्मे छे अने मूर्ख, धूर्त, टणक, अन्यकामी चारित्र्यशिथिल स्त्री अवा कोई अंक पात्र साथे ज आवां स्वतन्त्र अनेक कथानको संकळाय छे, ओनी शृंखला रचाय छे अने अमांथी ज शशधर, मूलदेव, घट-खर्पर, वचनसार-चिपिटनास जेवां धूर्तोनी कथाओ, कामकथाओ, मुग्ध(मूर्ख)कथाओनी शृंखलाओ रचाय छे. ५. आवां भिन्न भिन्न घटकोनी शृंखलाओथी ज अस्तित्वमां आवेलां कोइ ओक स्वतन्त्र कथानकनो पण विकास आवी बीजी घटनाशृंखलाथी थाय छे. 'बोले बांधनार'- कथानक पोतानी रीते सम्पूर्ण अने स्वयं पर्याप्त छे, परंतु अमां राजा के मन्त्रीना चातुर्यनी घटनाओनी शृंखला उत्तरार्ध रूपे संकळाता नवा ज स्वतन्त्र कथानकनो विकास थयो. प्रश्नगर्भ कथाओथी 'वेताळपचीशी', प्राकृतनी 'चित्रकारदुहिता', अना परथी ज आवेली 'अरेबियन नाइट्स' जेवी कथाओ जन्मी. अेक मुख्य भूमिका कथाओ 'सूडा-बहोतेरी' के फारसीनी, नवग्रहरंगी महेलमां वसती भिन्न भिन्न देशमां जन्मेली-राणीओ द्वारा कहेवाती, 'दास्ताने नुहमंझर' जेवी कथाओ जन्मी, ओम बोले-बांधनार- संयोजन राजा के मंत्रीना चातुर्यनी साथे थयु. आमांथी ज बोले-बांधनार जुदां-जुदां पात्रोने ओना ज बोलेला बोलथी बांधीने नुकशानमां उतारे अने अनो भोग बननार राजा के मन्त्रीने फरियाद करे अने राजा वा मन्त्री बुद्धिचातुर्यथी न्याय तोळे : अ प्रकारनो कथाविकास थयो. आम थवामां कण्ठप्रवाहने मुख्य योगदान लिखितप्रवाहनु होइ शके. ६. आने आधारे अम कही शकाय के लिखित माटेनो मुख्य स्रोत कण्ठप्रवाह छे, परंतु द्वैतीयीक भूमिकाओ लिखितप्रवाह पण कण्ठप्रवाहने घडे छे. ६. लोकविद्या - Folk lore - उद्भव-मूळ लोकमां, शिष्टमां के बन्नेमा छ : ओ सन्दर्भे लोकविद्याविज्ञानFolk loristics मां मुख्य त्रण थियरी छे. अेक माने छे उद्भव-मूळ लोकमां छे, बीजी माने छे उद्भव-मूळ शिष्टमां छे, त्यां जे जन्मे ते पछी लोकभोग्य, स्पर्शा, उपयोगी होय ते Lore रूपे वहेतुं थाय. त्रीजी थियरी परावर्तीय -
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