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________________ ६८ अनुसन्धान ५० (२) रावणना मुगटनां मोती केवी रीते खेरवेलां ते बतावुं' ओम कहीने बूढीना मोढे मुक्को मारी ओना दांत पाडी नाख्या अने 'लंकाकाण्ड प्रत्यक्ष बतावुं' कही दीवानी झाळे डोशीनुं घर सळगाव्युं. महियारणो अने डोशीओ राजाने युवान विरुद्ध फरियाद करतां युवाने बचाव कर्यो : ' में तो एमणे जेम कहेलुं तेम कर्यु.' आ कथाना सन्दर्भमां डॉ. भायाणीओ नोंध्युं छे : 'आ वार्ता कोइ तत्कालीन लोकप्रचलित कथामांथी आम्रदेवसूरिओ लीधी होवानुं जणाय छे.' (पृ. १६६) डो. भायाणीनी आ सम्भावना, आ ज प्रादेशिक क्षेत्रमांथी डॉ. शान्तिभाई आचार्ये 'टणक 'नी जे वार्ताओ ध्वनिमुद्रित करी तेथी पुष्ट थाय छे. आम्रदेवसूरि कथाना आलेखनमां पण केटलीक चूक करे छे अने वार्तामा रहेली कथायुक्तिनी चोट बराबर उपसती नथी. ते दर्शावीने पण डॉ. भायाणी 'कथामां खूटती के नबळी कडी कथाकारनी पराश्रितता व्यक्त करे छे.' (पृ. १६६) ओवो अभिप्राय आपे छे, ओटले के लखनारे सांभळेली ओवी, कण्ठप्रवाहनी रचनानो अहीं आधार लीधो छे. बोले बांधीने, अन्यना शब्दोनो पोताना स्वार्थ माटे भळतो अर्थ धूर्तकथामां जोवा मळे छे. ११मी सदीमां रचायेला वर्धमानसूरिकृत प्राकृतभाषाना ‘मनोरमाकथा'मां (श्रीरूपेन्द्रकुमार पगारियाना सम्पादनमां अल. डी. इन्स्टिट्यूट द्वारा ई. १९८७मां प्रकाशित) वचनसार अने चिपिटनास नामना बे दुष्ट अने क्रूर प्रकृति धरावता धूर्तोनी कथा मळे छे. (पृ. २५९ - २६२). ओमां बोले बांधनारनो हेतु मात्र टीखळनो नथी परंतु अन्यने धूतवानो छे. अमां मळती कथायुक्ति गई सदीमां पण प्रचलित अने लिखितरूपमां दस्तावेजीकरण पामेली लोककथामां मळे छे. प्राकृतमां जे कथायुक्ति छे ते आ प्रमाणे छे : ( सन्दर्भविशेष वीगत माटे 'लोककथानां मूळ अने कुळ', पृ. ८० थी ८३) धूर्त वचनसारे, ठंडीमां जेनुं चींथरं पण पासे राखवाथी टाढ न वाय ओवो चमत्कारी धाबळो ओक वेपारीने पांचसो सोनामहोरमां वेच्यो अने नगर छोडीने जतां रस्तामां बकरो खरीद्यो. सामेथी ओक बापुने आवतां जोइ बकरानी पाछळ ४९ सोनामहोरनो ढगलो करी, पचाशमी सोनामहोर बकरानी पूंठे लगाडी बकरा पर चडी कान आमळवा लाग्यो. बापुअ नजीक आवी बकरा पर त्रास Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520551
Book TitleAnusandhan 2010 03 SrNo 50 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages270
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size11 MB
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