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आवरणचित्र - परिचय
आ अंकमा 'मल्लिनाथ रास' छपायो छे. तेना कर्ता कवि ऋषभदास खम्भातना वीशा पोरवाड ज्ञातिना जैन श्रावक हता. तेमनुं पोतानुं काष्ठशिल्पकलामण्डित घर देरासर हतुं. ते देरासर आजे पण खम्भातमां अने माणेकचोकमां ज अन्य नूतन मन्दिरमां आधुनिक रीते गोठवायेलुं विद्यमान छे. तेना उपरना भागमां पार्श्वनाथयुक्त पद्मावतीदेवीनी काष्ठ - प्रतिमानुं आ दृश्य छे. १७मा सैकानी उत्कृष्ट काष्ठकलानो आ श्रेष्ठ नमूनो छे.
टाइटल ४ उपर मूकेल चित्र ते पित्तलनी दीपदानीना तसवीर छे. गणदेवीमांथी उपलब्ध आ दीपदान तेनी प्रसन्न कलात्मक मुद्राने कारणे आकर्षणनुं केन्द्र बने छे. आ कलाकृति केटली प्राचीन हशे तेनो अन्दाज आवतो नथी, पण पुराणी होवा विषे कोई शंका नथी.
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विशेष निवेदन
अनुसन्धाननो आ पचासमो अंक, दर्शनप्रभावक श्रुतस्थविर प्रवर्तक मुनिराज श्रीजम्बूविजयजीनी पुण्यस्मृतिमां सादर अंजलिरूपे प्रगट करवामां आवे छे. बे विभागमां छपानारा आ अंकना द्वितीय विभागमां तेमना विषे अंजलिरूप सामग्री आपवामां आवशे, तेनी नोंध लेवा सुज्ञ जनोने विनति.
शी.
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