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________________ सप्टेम्बर २००९ १६५ निष्कर्ष : नारदविषयक जैन उल्लेखों में सबसे प्रचीन उल्लेख अर्धमागधी ग्रन्थ ऋषिभाषित में पाया जाता है । वहाँ नारद को अर्हत्, ऋषि तथा देव शब्द से सम्बोधित किया है । नारद को सिद्ध, बुद्ध और मुक्त भी कहा है। प्राचीन जैन दार्शनिकों के उदारमतवादी दृष्टिकोण का यह अत्युच्च शिखर है । धीरे धीरे हिन्दु पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नारद के व्यक्तिमत्व में नये नये अंश जुडते गये, पुराने अंश ओझल होने लगे । नारद को सर्वादरणीय स्थान देने में जैन आचार्य भी झिझकने लगे । सामाजिक मान्यताओं के साथ साथ अन्तर्गत साम्प्रदायिक अभिनिवेश भी बढने लगा । परिणामवश नारद के व्यक्तित्व के बारे में संभ्रमावस्था पैदा हुई । पूरी आदरणीयता और पूरी अनादरणीयता के बीच नारद के बारे में वैचारिक आन्दोलन चलते रहे । इस संभ्रमावस्था का हल वैयक्तिक स्तर पर निकालने के प्रयास हुए । इसी वजह स्थानाङ्ग में उसे देव कहा है । समवायाङ्ग में भावी तीर्थङ्कर कहा है। भगवतीसूत्र में सिर्फ उसकी जिज्ञासा पर प्रकाश डाला है। तत्त्वार्थसूत्रकार ने दैवतशास्त्र में दो विभिन्न स्थान तय किये हैं । ज्ञाताधर्म में वह सिर्फ कच्छुल्लनारद है । औपपातिक में नारदीय परिव्राजकों की परम्परा है । आवश्यकनियुक्ति तथा टीका में नारदोत्पत्ति की अभिनव कथा है। त्रिलोकप्रज्ञप्ति के नारद अतिरुद्र है। शीलोपदेशमाला में उसे जनमारक कहा है। वसुदेवहिण्डी में तो नारद के विविध रूप रेखांकित किये हैं । आख्यानमणिकोशकार का नारद कलहप्रिय है । और विमलसूरि ने नारद को एक मिथक के रूप में मनःपूत उपयोजित किया है । विशेष बात यह है कि जैन नारद में दिखायी देनेवाले ये सब परिवर्तन लेखक की वैयक्तिक दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं, कालानुसारी नहीं है । भक्ति तथा कीर्तन-संकीर्तन से सम्बन्ध जुडने के बाद तो नारद जैन साहित्य से ओझल ही हो गया ।* C/o. सन्मति ज्ञानपीठ पुणे टि. * इस लेख पर टिपप्णी अगले अंकमें दी जायेली । -सं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520549
Book TitleAnusandhan 2009 09 SrNo 49
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2009
Total Pages186
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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