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________________ १४६ अनुसन्धान ४९ दिखाई देती है। यद्यपि ऋषिभाषित भाषिक दृष्टि से आचाराङ्ग से निकटता रखता है तथापि अर्धमागधी आगमग्रन्थों के विभाजन में ऋषिभाषित का स्थान अङ्ग, उपाङ्ग आदि ग्रन्थों के बाद प्रकीर्णकों में निश्चित किया है । इस शोधलेख में आधुनिक मान्यताप्राप्त क्रम स्वीकार करके स्थानाङ्ग आदि क्रम से विवेचन किया स्थानाङ्ग में 'देव' नारद : ऋषिभाषित में जिस नारद को सिद्ध-बुद्ध-मुक्त बताया है, उसे स्थानाङ्ग ने देवलोक में स्थान दिया है। क्योंकि ऋषिभाषित में ही 'देवनारदेण अरहता इसिणा बुइयं' ऐसा उल्लेख पाया जाता है। नारद का देवत्व स्थानाङ्ग में निश्चित ही गौणत्वसूचक है। नारद का त्रैलोक्यसंचारित्व ध्यान में रखकर उन्हें 'व्यन्तरदेव' कहा है । गायनप्रवीणतानुसार उन्हें व्यन्तरदेवों के चौथे 'गान्धर्व' उपविभाग में स्थान दिया है । इसके समर्थन में स्थानाङ्ग में कहा है कि गान्धार स्वरवाले व्यक्ति गाने में कुशल, श्रेष्ठ जीविकावाले, कला में कुशल, कवि, प्राज्ञ और विभिन्न शास्त्रों के पारगामी होते हैं।' ऋषिभाषित के 'श्रोतव्य' का अन्वयार्थ 'श्रवणीय गान' इस प्रकार यहाँ किया गया होगा। भागवतपुराण के अनुसार नारद ने कृष्ण, जाम्बवती, सत्यभामा, रुक्मिणी से गानविद्या सीखी थी । भागवतपुराण में उनके वीणावादन के भी उल्लेख पाये जाते हैं। नारद के देवत्व की यही सूचना तत्त्वार्थसूत्र ने आगे बढायी है। समवायाङ्ग में 'भावी तीर्थंकर' नारद : समवायाङ्ग के अनुसार जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में आगामी उत्सर्पिणी में नारद 'इक्कीसवें तीर्थंकर' होनेवाले हैं ।१० समवायाङ्ग के इस उल्लेख से सूचित होता है कि उन्हें भावी तीर्थंकर बताकर उनके प्रति आदरणीयता तो सूचित की है लेकिन ऋषिभाषित में जिस प्रकार उन्हें उसी जन्म में सिद्ध-बुद्ध-मुक्त कहा है उस प्रकार का सम्मानित स्थान समवायाङ्ग में नहीं है। इसका कारण यह हो सकता है कि वासुदेव कृष्ण भावी तीर्थंकर होनेवाले हैं । नारद और कृष्ण का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520549
Book TitleAnusandhan 2009 09 SrNo 49
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2009
Total Pages186
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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