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अनुसन्धान ४९
कलसलो-श्रीजीवराजऋषिवर प्रवर पंडित, तास पाटि श्रीपूज्य मुनि(नि) वरू,
क्षमासागर ज्ञानअ(आ)गर, सकल गुण संयमघरू ॥१॥ पाटि तेहनइ तिलकघोरी, झांझण सुत जगि सोहये, षट्कायना रखवाल मुनिवर, रूपि त्रिभोवन मोहीया ॥२॥ तास पाटि प्राजि२० गुणे गाजि, छाजि श्रीजसवंत यती(ति), परबतनंदन पाप निकंदन, वंदन सुरनर गुणपति ॥३॥ संयम सूरा ज्ञानइ पूरा, दयाधर्म दीपति बहू महिमा ते मोटो मेरु समोवडि, एक जीभइ ते किम कह्या(हुं) ॥४॥ संवत १६[ सोल] उगणसठा वर्षे, कार्तिक शुदि ७[सातम] समि, सेवक गंगदास बे कर जोडी, वार वार च[र]लणे नभि ॥५॥ ॥ इति श्री आचार्यजीना बारमसवाडा सम्पूर्ण ॥ शुभं भवतु ॥
बाइ पुजी पठनारथं (र्थ)
नेमि प्रसन्नचन्द्र स्मृति भुवन,
तलेटी रोड, पालीताणा
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