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________________ अनुसन्धान ४५ ४८. नरसिंहपुराण : पितृतर्पण (१.८) ४९. लिंगपुराण : पितृकर्म, पितृदेह (१.१५.६; २.६.३८) ५०. ब्रह्मपुराण : पितृतर्पण, पितृतृप्ति, पितृदेव, पितृदैवत (४३.७५; ५.१३१; ६०.५७; २१९.४९; २७२.१२) ५१. भविष्यपुराण : पितृयज्ञ, पितृपूजा, पितृकार्य, पितृतर्पण, पितृतृप्ति (१.११४९; १.६५.११; १.१८३.१६; ३२२.१५; ३३०.३३) ५२. पद्मपुराण : पितृतृप्ति, पितृकार्य, पितृतर्पण, पितृदेव, पितृदेवता, पितृपूजा (१.१३.१४,१५; ४.८९.५३; ४.९४.२२.७९; ५.२७.४३; ५.३२.३८) ५३. शिवपुराण : पितृश्राद्धप्रभाववर्णन, पितृसर्गवर्णन, श्राद्धमाहात्म्य (अध्याय ४०, ४१) ५४. सौरपुराण : पितृतर्पण (४.१९) ५५. देविभागवतपुराण : पितृदान (९.१.१००) (पुराणों का क्रम डेक्कन कॉलेज की डिक्शनरी के अनुसार लिया है ।) (क्ष) दर्शन : ५६. पूर्वमीमांसासूत्र : पितृयज्ञ (६.८.१.१० (१५१०); ६.८.२.१९ (१५१२)) ५७. शाबरभाष्य : पितृयज्ञ (४.४.१९ (१२७७.२१); ६.८.८ (१५१०.५)) (ज्ञ) तन्त्र : ५८. महानिर्वाणतन्त्र : पितृकर्म (९.२८२; १०.२३) ५९. लक्ष्मीतन्त्र : पितृकर्म (३९.३८) ६०. कुलार्णवतन्त्र : पितृयज्ञ (५.४५) ६१. तर्पण : तर्पण, पितर, श्राद्ध, पिण्ड (प्रबन्ध) ६२. पितर व पितृलोक : निबन्ध ★ (यह तालिका डेक्कन कॉलेज के संस्कृत शब्दकोश के आधार से बनायी गयी है ।) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520545
Book TitleAnusandhan 2008 09 SrNo 45
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages114
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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