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________________ 72 अनुसन्धान-३८ प्रत्येक प्रतनुं विस्तृत भौतिक वर्णन, प्रतिनी लखावटनुं तथा तेमां उपयुक्त रंगो वगेरेनुं वर्णन, ग्रन्थनो प्रारम्भ भाग (रोमन अक्षरोमां तथा डायाक्रिटिकल मार्क्स साथे), टीका होय तो तेनो प्रारम्भाग, ग्रन्थनी प्रशस्ति तथा पुष्पिका, ग्रन्थनो स्रोत, ग्रन्थना अन्य सन्दर्भ तथा विशेष नोंध - लगभग आ रीते सूचीकरण थयुं छे, जे . अभ्यासी जनो माटे सन्दर्भनुं जबलं भातुं पूरुं पाडे तेम छे. __ मजबूत पाका बाइन्डिगवाळा आ ३ ग्रन्थो एक मजबूत Box मां उपलब्ध छे. भारतमां तेनुं मूल्य पांचेक हजार छे, तेम जाणवा मळे छे. __ आ ग्रन्थोनो झीणवटभर्यो अभ्यास करवाथी ए ख्याल आवे के आपणं केटलुं बधुं मूल्यवान सांस्कृतिक धन विदेशीओ लई गया छे ! अने तेमना कबजामां ते अद्यावधि केटलुं सुरक्षित पण रह्यं छे ! मळेली जाणकारी मुजब, आ अंग्रेज लोको, पोताने त्यांना ग्रन्थोनी झेरोक्स नकल कदापि करता नथी के करी आपता नथी, करवा देता नथी. 'तेनाथी कृतिने नुकसान थाय ज' तेम तेओ माने छे. उपरांत, एवां कोई पण उपकरणनो उपयोग तेओ पोथीओ परत्वे करवा तैयार नथी थता, जेनाथी पोथीओने जराक पण नुकसान थवानी शक्यता होय. डिजिटाइज नकलो करवा माटे पण तेओ झाझा उत्साहित न होवानुं जाणवा मळे छे. ___ आनी साथे आपणे त्यां जे चाले छे - अंधाधुंध, ते तो डघावी ज मुके तेवू छे. ताडपत्र प्रतनी पण झेरोक्स काढीए छीए आपणे ! कागलनी प्रतनुं तो पूछवं ज नहि ! केटलीये प्रतोने केवू अकल्प्य नुकसान थतुं हशे आ बधांथी ? केमेरानी Heat पण केटली बधी लागती हशे ? छतां आ बधं करी-करावीने आपणे एम मानीए के अमे तो शास्त्ररक्षा करीए छीए ! अस्तु. विदेशीओ पासेथी आपणे घj घणुं शीखवानुं छे हजी, एम कहेवामा अत्युक्ति नथी. ३. कूर्मशतकद्वयं कर्ता : राजा भोजदेव; सं. आर. पिशेल; इंग्लिश अनुवादादि : डॉ. वी.एम.कुलकर्णी; प्र.ला.द. भा.सं. विद्यामन्दिर, अमदावाद; ई. २००३ प्राकृत भाषामां गाथाबद्ध आ बे शतकोनो विषय कूर्मावतार छे. सरल, सरस, प्राञ्जल पद्यरचना एक राजवीनी सर्जनक्षमता परत्वे मान उपजावे तेवी छे. सुन्दर प्रकाशन. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520538
Book TitleAnusandhan 2007 01 SrNo 38
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages78
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
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