SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ निवेदन नेशनल मिशन फोर मेन्युस्क्रिप्ट (N.M.M.) द्वारा चालेला अभियानना वृत्तान्तो वर्तमानपत्रोमां हमणां वारंवार वांचवा मळ्या करे छे. ते वृत्तान्तोमां थयेला दावा मुजब, आ अभियानने कारणे, गुजरातनां अमुक क्षेत्रोमांथी ज, आठेक लाख हस्तलिखित ग्रन्थो के पोथीओ प्रकाशमां आवेल छे. सामान्य रीते, आटली मोटी संख्यामां दुर्लभ पोथीओनी प्रथमवार भाळ मळे तो ते संशोधनक्षेत्रनी एक जबरदस्त उपलब्धि गणाय; अने तेने लीधे शोध-क्षेत्रना रसिक वर्गमां खुशालीनुं जबरुं मोनुं फरी वळवू जोईए. परन्तु, आपणे त्यां आq कांई थयार्नु हजी सुधी जाणवामां आव्युं नथी. एटले सवाल जागे के शुं शोध-क्षेत्रना रसियाओ परवारी गया छे ? के आटलीबधी सामग्री उपलब्ध थवा छतां क्यांय कोई 'युरेका'नो हर्षावेश नजरे नथी पडतो? जरा ऊंडा ऊतरतां आ सवालनो जे जवाब जड्यो, ते जाण्या पछी रह्योसह्यो हर्षावेश पण ओसरी जाय तेवी स्थिति पेदा थई छे. वात एम छे के, अमदावाद, पाटण, खम्भात सहित विविध गामो/नगरोमां सुग्रथित तथा सुसंकलित ग्रन्थभण्डारो परम्पराथी सुरक्षित छे. ते भण्डारो पासे पोतानां व्यवस्थित सूचिपत्रो पण छे. ते पैकी अमुक छपायां छे, तो घणां नथी छपायां. आ मुद्रित-अमुद्रित ग्रन्थसंग्रहोगत ग्रन्थोनी संख्या एटली विपुल छे के ते संख्याने "७/८ लाख" जेवो अडसट्टो बांध्या भारे आपवामां खास कांई हानि नथी थती, अने N.M.M.ना नियुक्त अधिकृतोने लाखो पोथीओनी जाणकारी सम्प्राप्त करावनार तरीकेनुं मान (Credit) N.M.M.ना मुख्यालयमां सहेजे मळी रहे छे. अमदावादमां तो बे ज संग्रहो L. D. तथा कोबाना - एवा छे के जेमां सचवायेली पोथीओनी संख्या ज अढी-त्रण लाख जेटली संभवे छे. ए पोथीओ राज्यना तथा राष्ट्रना विविध भागोमांथी प्राप्त थयेली छे. हवे अत्यारे ते गुजरातमा छे तेथी ते गुजरात-विभागमां नोंधाशे; पण ते संग्रहो मुळे ज्यां हता त्यां तो ते 'नष्ट थया'नी नोंध साथे ज माहितीमां लेवाशे ने ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520535
Book TitleAnusandhan 2006 02 SrNo 35
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2006
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy