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September-2005
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वनि
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११०
११६
चेद्रअ
भोहए
१२२ १४४ १४६ १६० १७३ १७९
१९५
वति गुहमुखि
गुरुमुखि तो हइ
तोहइ विमंता
वमंता पठु
पटु
चेइअ राव रे
रीव रे
मोहए हूंति: पाप
हूं निःपाप घरि नइ
घरि जई ए गुण वीसइ
ए गुणवीसइ सीट
सीह तातई
तांत आ पंक्ति आम होवा सम्भवसंयम जिहां केशनइ पणि कुणनइ नवि अपराधि रे ग्रहगणवर तइ
ग्रहगण वरतइ पातकिनी
पताकिनी चाटइ रे
चाइड रे त्रीजी पंक्तिमां गरबड छे. भासा
भास वारतो
वास तो हुती सलाख
दुतीस लाख 'कुलचंदो'ना प्रास प्रमाणे मळती आवे एवी एक पंक्ति अहीं खूटे छे, कडी २५०-२५१-२५२ आ ज कारणे अव्यवस्थित रहे छे. न लाडई
नलाडइं कांबइए
कांबालाइए
१९७ २०१
२०३
२४३
२४५ २५०
२५१ २६९
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