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________________ 24 अनुसन्धान-३१ शत्रुजयने उंबरे संघ पहोंच्यो छे (११८-२१). १८. बारसे संघवी पहाड पर यात्रार्थे चडे छे त्यारे बे हजार यात्रीओ (१२२) साथे हता. १९. ढाळ ६ ने ७मां शत्रुजयनुं अने उपरनां देरांनुं वर्णन विशद छे. २०. क. १४९-५०५१मां 'वद'ने बदले 'सुद' लखायुं छे ते लेखदोष जणाय छे. केमके मा.व. ११ना जो शत्रुजये पहोंचे तो यात्रानी तिथि सुदमां क्यांथी आवे? ते ज प्रमाणे क. १५३ मां 'वदि' थयुं छे त्यां 'सुदि' ज होवू घटे. २१. व. १२, १३ यात्रा थाय, तो व. १४-०))नो छठ तप तथा पौषधव्रत संघवीदंपतीए कर्यो छे (१५१). शु.२ना शेजूंजी नदी पर जई स्नानपूर्वक जलकुंभ भरी पाछला रस्ते डुंगर पर चड्यां छे. ते रस्तो देवकीना ६ पुत्र-मुनिनी देरी आगळ नीकळ्यानी नोंध पण कविए लीधी छे (१५३). ते पछी शत्रुजयनी १२ गाऊनी प्रदक्षिणा करवा संघ नीकळ्यो तेनुं वर्णन थयु छे (१५७). २२. पहेलां कदमगिरि, त्यांथी चोक, त्यांथी हस्तगिरि थई पुनः शत्रुजय पर संघ आवे छे अने शेव्रुजीनां जळ जे समग्र प्रदक्षिणामां साथे ज लीधेलां ते वती भगवान- स्नात्र वगेरे करे छे (१५८-६०). प्रदक्षिणा प्रायः बे के त्रण दहाडामां ज करी छे. २३. पांचमे वीसस्थानकनी पूजा भणावी छे, ते माटे राजनगरनी टोळी खास आवी होवानुं निर्देशे छे (१६१). शु.७ना नवकारशीजमण, रथयात्रा, ९९ प्रकारी पूजा थई (१६२-६३), तो दशमने दिने संघवी बेहेचरभाई अने गोकलदास परसोतमे संघमाळ पहेरी छे, अने ते पछी संघ नीचे उतर्यो छे (क. १६४). शु. १२ना १२ व्रत पूजा, जमण थयां, अने तेरसे संघे शत्रुजयनी यात्रा पूर्ण थई (१६६) अने हवे गिरनारे नेमजीने भेटवानी तैयारी थाय छे. २४. क. १६४ मां संघमाळ दशमे पहेर्यानी नोंध छे, तो क. १७६मां वळी माळनी तारीख अग्यारश होवान कर्ताए नोंध्यं छे. ते वखते मुख्य देरासर पर ध्वजा पण संघवीए चढावी छे, तेनी पण आमां नध छे. आ गरबड थवा पाछळ- रहस्य, बे टुकडे आ ढाळियांनी रचना थई होय एं होई शके. २५. सुद तेरसे के ते पछी-चौदसे संघे गिरनार तीर्थ भणी प्रयाण कर्यु हशे. पहेले पडाव पिंगलिगामे अने बीजो तालध्वज तीर्थे थयो. तालध्वजना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520531
Book TitleAnusandhan 2005 02 SrNo 31
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages74
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
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