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नवां प्रकाशनो
१. प्रतिष्ठा लेख संग्रह (द्वितीय भाग )
सं. म. विनयसागर, प्र. प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर. ई. २००३ (प्रथम संस्करण)
ई. १९५३ मां प्रथम भाग प्रकाशित थयेलो, तेनो बीजो भाग ई. २००३मां प्रकाशित थई रह्यो छे, ते आनन्ददायक घटना छे. आ भागमां ७५७ प्रतिमालेखोनो मातबर संग्रह थयो छे. उपरांत अलग अलग सन्दर्भात्मक माहिती धरावतां ७ परिशिष्टो आ ग्रन्थना छेडे आपीने सम्पादके आनी उपादेयतामां खूब वधारो करी आप्यो छे. इतिहास अने संशोधनमां रस धरावनार माटे अमूल्य खजाना जेवो ग्रन्थ.
अनुसंधान- २८
२. नलचम्पू और टीकाकार महो. गुणविनय : एक अध्ययन
ले. म. विनयसागर, प्र. प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर. (प्रथम संस्करण, ई. २००३)
त्रिविक्रम भट्ट कृत नलचम्पूकाव्य तथा गुणविनयकृत तेनी टीका ए बेने प्रधान विषय बनावीने आलेखायेल अध्ययन ग्रन्थ. अभ्यासीओ माटे उपयोगी हिन्दी ग्रन्थ.
३. Hemacandra's PRAMANAMIMAMSA
Organ of Knowledge-A Work on JAINA LOGIC
Jain Education International
[Sanskrit Text in Roman Script with English Translation, Pt. Sukhlalji's Extensive Introduction and Philosophical Notes ]
Edited by Nagin J. Shah
Published by Gujarat Vidyapith, Ahmedabad 380014
PP. 40 + 456
496 Price. Rs. 450/
4. साधुमर्यादापट्टकसंग्रह, सं. गणि महाबोधिवि.
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A Critique of
प्रका. जिनशासन आराधना ट्रस्ट, पाटण (गुजरात) ई. २००४
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