________________
94
अनुसंधान-२७
अमुक अंशे. प्रतोने नुकसान थयुं तो होय ज. उपरांत, भागवतनी मूल्यवान (प्रायः सचित्र) पोथीने फाडी नाखवामां आव्यानी तसवीर तो 'सम्भाषण सन्देश'मां छपाई पण छे. एटले एटलुं नुकसान पण ओछु तो नथी ज. छतां प्रथमदर्शी समाचारोने कारणे हजारो प्रतिओ नष्ट थयानी जे दहेशत जागी हती, ते आ पत्रमांनी विगतोथी दूर थाय छे, अने राहत थाय छे.
जैन महिलाओनी सक्रियता पण खूब अभिनन्दनीय गणाय तेवी छे. ज्ञान अने ज्ञान-संस्था ए सहु कोईनी सहियारी मिलकत छे, अने तेना पर आपत्ति आवे त्यारे तेना निवारण माटे दोडी जq ए ज विवेकी जनोनुं श्रेष्ठ कर्तव्य छे, ते आदर्श ते महिलाओ तथा ते विद्यार्थीओए चरितार्थ करी बताव्यो छे.
दरम्यान, पूनाना जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघे पण उदारतापूर्ण सहाय करवानुं नक्की कयुं छे.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org