SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुसंधान-२५ श्रीरत्नचन्द्रकृत मातृकाप्रकरण पण मळे छे जेनी प्रति आ. यशोदेवसूरि म. ना संग्रहमां छे. अमुद्रित छे. - मुनि धुरन्धरविजय समृद्धि एपार्ट. नजीक 'अरिहंत' डीसा- ३८५५४५ 'मातृका, वर्णमाला, कक्को, बाराखडी' - आने विषय बनावीने थती रचनाओ, पगेरुं बौद्धग्रन्थ 'ललितविस्तर', मतङ्गमुनिकृत संगीतग्रन्थ 'बृहद्देशी' तथा सोमेश्वरकृत 'मानसोल्लास' सुधी जाय छे. अद्यावधि प्राप्य रचनाओनी संख्या ३२ आसपास छे, अने ते संस्कृतेतर एटले के अपभ्रंश, गुजराती, हिन्दी वगेरे भाषाओमां छे. आ विषये विगते जाणकारी मेळववा इच्छनारे डो. हरिवल्लभ भायाणी द्वारा सम्पादित, महाचन्द्रमुनिकृत 'बारहक्खर कक्क' (अमदावाद, पार्श्व फाउन्डेशन, ई. १९९७)नी प्रस्तावना वांचवी जोईए. मातृकाना प्रथम अक्षरने लईने थयेल 'कक्को' प्रकारनी रचना संस्कृतमां उपलब्ध थई होय तेवो आ प्रथम दाखलो छे. अन्य आवी संस्कृत रचना विषे हजी जाणवामां आव्युं नथी, ए दृष्टिए प्रस्तुत कृति तथा सम्पादन नोंधपात्र छे. मातृकाप्रधान जे रचनाओ अत्यारे उपलब्ध के नोंधायेल छे, तेमां १३मा शतकथी पहेलांनी कोई रचना मळी नथी. एवी संभावना विचारी शकाय के १२ मा सैका बाद आ रचनाप्रकार प्रत्ये रचनाकारोनुं ध्यान आकर्षायुं होय, अने त्यारथी आवी रचनाओ आरंभाई होय. आ अटकळना सन्दर्भमा विचार करतां एम लागे छे के 'सिद्धमातृका'ना कर्ता आ. सिद्धसेनसूरि पण १३मा शतकना ज, अने ते पण प्रवचनसारोद्धार-टीका (सं. १२४८) ना प्रणेता ज होई शके. मुनि श्रीधुरन्धरविजयजीनी ए अटकळ के 'शकस्तव, नमस्कार माहात्म्य, सिद्धमातृका'- आ त्रणेना कर्ता एक ज सिद्धसेनसूरि छे, ते साथे संमत थवामां लेश पण बाध नथी जणातो. श्री सिद्धर्षि (उपमिति.कार) आना कर्ता होवानुं असंभव लागे छे. 'सिद्धपुरपत्तन'नो 'नमस्कार माहात्म्य'गत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520525
Book TitleAnusandhan 2003 07 SrNo 25
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2003
Total Pages116
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy