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________________ June-2003 बीबीपुर पछी 'चिन्तामणि' नाम छे, तेने स्वतंत्र स्थळ गणीए तो १०८ नाम पूरां थई रहे छे. केटलांक तीर्थस्थलोना पार्श्वनाथ प्रभुना बिंब आजे अन्य स्थळे बिराजमान होवानो संभव खरो. इतिहासविदो वधु प्रकाश पाडी शके. ढाल: सासनदेवी य पाय पणमेवी य ए देसी । पास संखेसर सकल राधणपुर गाम हडली प्रगट पाटणै ए । नगर पंचासरइ प्रवर नारिंगपुरइ आपए सु— घाट ए । ईडरें अहमदाबाद आसाउलै बीबीपुर चिंतामणी ए मातरैं खंभपुर दीव कंसारीइं देवकै पाटणै जगधणी ए ॥१॥ ढाल | वडनगर विमलगिरि वेलाउल गिरनार, वीजापुर पालीतणै पास कुमार, पालणपुर घोघै नवैनगर सेरीस, वीसलपुर सलषणपुर सोहै जगदीस ||२|| - ढाल । धंधूकै पुर लकै ( धवलकै ?) ए, देवगिरें सुप्रकास, जूनेंगढ मेलगपुरै ए झंझूवाडै पास, मोरवाडि हम्मीरपुर - चोरवाडि कलिकुंड, मांडवगढ उज्जैणीयै ए अंतरीक भोहुंड ||३|| ढाल । पुंज (मुंज ?) पुरें तारापुरइ ए, दसपुर रतलाम, नागद्रह कंतीपुरइ ए, बघणोर सुठाम, कप्पडहेडें श्रीपुरई ए, नवषंड अमीझर, चित्रकूट नारदपुरी ए, श्री पास सुहंकर ||४|| ढाल । कूंभलमेरई राणपुरइ सदा, श्री वरकाणै पास नमूं मुदा । ( आ पछीनी २ पंक्ति प्रतिमां नथी) Jain Education International 7 १. बीबीपुर ते अमदावादनुं सरसपुर. तेमां शान्तिदास शेठे चिन्तामणि पार्श्वनाथनुं मन्दिर बांधेलुं तेनो आ उल्लेख छे. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520524
Book TitleAnusandhan 2003 06 SrNo 24
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2003
Total Pages128
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
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