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________________ June-2003 111 राजाए तरत माटीनी बीजी पट्टिका मंगावी, ते मीणपट्टी उपर चडावीने ते ऊलटा अक्षरो पंडितो पासे वंचावराव्या तो केटलांक संपूर्ण पद्यो उपरांत एक अरधुं पद्य उकेली शकायुं. राजानी सूचनाथी ए अरधुं पद्य स्वमतिकल्पनाथी पूरुं करवानो अनेक पंडितोए यत्न कर्यो, पण राजानुं मन न मान्यु. तेणे धनपालकविने पूर्ति करवा सूचवतां तेमणे जे उत्तरार्ध बनाव्युं तेती राजा खूब तुष्ट थयो, तो धनपाले कां के "आ रामेश्वर(महादेव)ना मंदिरनी भीत परनी प्रशस्तिनां काव्यो लागे छे. हवे में जे श्लोकार्ध रच्यो छे ते शब्दो अने अर्थ वडे मूल रचना साथे बिलकुल मळती ज होवा विषे मने श्रद्धा छे; पण आमां जो फेरफार नीकळे तो हवे पछी मारे यावज्जीव काव्यरचना न करवी." राजाए धननुं प्रलोभन आपी ते वहाणवटीने फरी समुद्रमां मोकल्यो. छ महिनानी महेनत बाद ते शिवालयने शोधी, तेनी भीत परनुं बधुं ज लखाण मीणपट्टी पर उपसावी लावी तेणे राजाने सोंप्युं. राजाए ते काव्य जोयुं तो धनपालनी रचना साथे ते शब्दशः मळतुं आवतुं हतुं. आ काव्यो 'खण्डप्रशस्ति' तरीके प्रसिद्ध थयां. दसमा सैकामां थयेली सामुद्री पुरातात्तिक शोधनी आ केवी अद्भुत वात छे ! आजे जेने अक्षरोनी छाप लेवी के 'रबींग' कहेवामां आवे छे, ते माटे साव अनभिज्ञ नाविकोए मीणपट्टिकानी केवी श्रेष्ठ प्रयुक्ति प्रयोजी छे ! (पृ. ४०) (३) भोजराजा-सम्बन्धित ज एक प्रसंग छे- मानतुङ्गसूरिनो. बाण अने मयूर जेवा कविओनी चमत्कारसभर इष्टोपासना जोया पछी, गमे तेनी प्रेरणाथी राजाए जैनाचार्य मानतुङ्गसूरिने बोलावीने चमत्कार बताडवानी मागणी करी, जेना जवाबमां भक्तामर स्तोत्रनी रचना वगेरे घटना बनी होवानुं प्रसिद्ध छे. परन्तु आ वार्तालाप दरम्यान जैनाचार्य राजाने जे जवाब आप्यो छे, ते अत्यन्त मार्मिक अने मननीय छे. तेमणे कह्यु के- "मुक्तानामस्मद्देवतानामत्र कोऽतिशयः सम्भवति ? तथापि तत्किङ्कराणां सुराणां प्रभावाविर्भावः कोऽपि विश्वचमत्कारकारी दर्श्यते" (पृ. ४५). अर्थात् अमारा देव तो मुक्त छे, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520524
Book TitleAnusandhan 2003 06 SrNo 24
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2003
Total Pages128
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
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