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March-2002
जोती गुरुमुखचंद पामती परमाणंद ग०
चतुर चिकोरी गोरडीजी ॥८॥ सुरवधु नरवधु कोडि मिली मिली सरखी जोडि ग०
गावै जिनशासन धणीजी ॥९॥ इति सुधर्मगणधर भास ॥
राजगृही रलियामणी जिहां गुणशिलचैत्य सुठाम साजन मोरी हे
आवो सवाई गुरु भेटवा कांई मेटवा कर्म कठोर सा० मुनिगण तारामां चंदज्यु आव्या गणि गौतमस्वामि सा० ॥१॥ पांचै इंद्रिय वसि करै वलि पालै पंच आचार सा० सुमति गुपति धोरी परि वहै पंच महाव्रत भार सा० ॥२॥ नववाडि ब्रह्म धरै सदा वलि परिहरै च्यार कषाय सा० लबधि अठावीसनो धणि जयो आठ प्रभावकराय सा० ॥३॥ पहिरणि पीत पटोलडी उपरि नवरंगो घाट सा० कुंकुमघोलसुं साथिओ करि अक्षत पूरि सुघाट सा० ॥४॥ ललिललि कीजै लुंछणा लेई रजत कनकनां फूल सा० करो जिनसासन परभावना वजडावो मंगलतूर सा० ॥५॥
इति गौतम गणधर भास ॥
संपर्कसूत्र : c/o. नलिन के. शाह हेमंत इलेक्ट्रीक्स गांधी रोड, अमदावाद-३८०००१
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