________________
281 संगोष्ठीना प्रथम सत्र दरमियान भारतीय दर्शन विद्याना मूर्धन्य विद्वान डॉ. नगीनभाई जे. शाहने तेमना बहुआयामी अने उस्यस्तरीय साहित्य संशोधनसंपादन कार्यना उपलक्ष्यमां श्री हेमचन्द्राचार्य निधि अमदावाद द्वारा 'श्री हेमचंद्राचार्य चंद्रक प्रदान' समारोह पण योजवामां आव्यो हतो, जेमां ट्रस्ट तरफथी चंद्रक, (५१) एकावन हजारनो चेक, सरस्वतीदेवीनी प्रतिमा, शाल वगेरेनुं अर्पण सर्वश्री ढांकी साहेब, रसिकलाल सलोत, बिपीन शाह, संदीप झवेरी, अतुल कापडिया द्वारा थयुं हतुं.
-
अगत्यनी नोंध : अनुसन्धान-१४मां अज्ञातकर्तृक षड्दर्शन-परिक्रम नामे प्रकरण अवचूरि साथे प्रकाशित करवामां आव्युं हतुं.
परंतु वायड-गच्छीय श्रीजिनदत्तसूरि विरचित विवेक-विलास ग्रन्थना आठमा उल्लासमां (श्लो. २४५-३३१, पृ. १७५-१८६) आ प्रकरण प्रसिद्ध ज छे.
(विवेक-विलास हिंदी-अनुवाद सहित. प्रथम आवृत्ति, प्र. सरस्वती ग्रंथमाला कार्यालय, आगरा, वि.सं. १९७६, अनुवादक - वकील झुमकलाल रातडिया).
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org