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अनुसंधान-१७. 158 लह- २९.८ मेळवद्यु, पाम, वखाण- ९.४ कहेवू (सं.व्याख्यान परथी) वहिड- १३.१ विघटित थवं, नष्ट थर्बु वाम- ३६.४ दूर कवू (सं.वामय्) वाह- ५.७ वहन करवू; ३६.६ खेंचवू, खेंचावू (सं.वाहय्) विनई ३३.७ विनय, गुणवानोनुं बहुमान विहि ७.६ विधि, विधाता वृत्तिसंखेप ३३.५ खावं, पीवं वगेरे भोगो ओछा करता जवा ते (सं.
वृत्तिसंक्षेप) वे- ९.७, ३०.३ अनुभवq, भोगवq (सं.वेद्) वैयावृत्य ३३.७ सेवा, शुश्रूषा (सं.वैयावृत्त्य) सझाय ३३.७ स्वाध्याय, धर्मचिंतन स-बारीअ ६.३ द्वार - बारणां साथे ? समकित ३७.६ सम्यक्त्व, सत्य तत्त्व पर श्रद्धा सरल ३२.३ निष्कपट (स्वभाव) सरसति १.१ सरस्वती सरिसा १२.१ सरखा, जेवा (सं.सदृश) सरूप ३०.१ स्वरूप सहिस ६.४ सहस्र, हजार संकड १६.६ सांकडु (सं.संकट) संघाती ९.३ संगाथी, साथी (सं.) संपज- ३९.२ नीपजवू, थर्बु (सं.संपद्य-) संबल ८.५ भाथु (सं.शंबल) संलीनता ३३.५ शरीर अने इन्द्रियो- संगोपन, पोतामां रोकावं ते (सं.)
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