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________________ 71 मोह नरेन्द्रनी मूढता नामानी प्रियाने बे पुत्रो हता ओक दर्शनमोह अने बीजो मो दर्शन हनी प्रियतमा मोहदृष्टिने त्रण पुत्रो हता. सम्यकदर्शन, मिश्र अने दर्शन चारित्रमोहनी अविरति नामनी पत्नीने चतुर्मुखवाळा त्रण पुत्रो वैश्वानर घ) शैलस्थंभ (दर्प, मान) अने सागर (लोभ) तेमज बहुलिका (माया) नामनी दिना पुत्री हती. अक वार मोहराजाओ पोताना पुत्र दर्शन मोहने कह्युं के तारी पासे सोहनी मोटी शक्ति छे. तेथी असंव्यवहार नगरमांथी हु जे लोकोने मोकलुं तेने ष्टि मोहथी मोहित करी वश करवा तारो पुत्र मिथ्यादर्शन मारो सचिव छे. तारे पण मार्गदर्शन लेवुं परंतु तारो सम्यक् दर्शन नामनो पुत्र मने योग्य लागतो नथी. आपणां बधा नगरोने उज्जड करवा इच्छे छे. यतिपुरीमां आवेला विवेकगिरि वर पर सुबोधराजा अने तेनी पत्नी सत्यदृष्टि रहे छे. अनी साथे तारा पुत्रनी मैत्री आटे आ कुपुत्रनो क्यारेय विश्वास करीश नही. चारित्रमोह नामनो तारो भाई समर्थ ते अने तेनो परिवार तारा कार्यमां सहायभुत बनशे. वळी आयु राजानी चार प्रियाओ छे. पापमति, महामाया, मध्यम गुण यता अने शुभ प्रवृत्ति. तेमना चार पुत्रो अनुक्रमे नरकायु, र्यिगायु, मजुजायु अने न्यु नामना छे. आमांथी नरकायु मिथ्यादर्शन अमात्यने वशवर्ती छे. चारित्रमोहना | जलनादि महासुभटोनी साथे आनो स्नेह संबंध बनशे. आम शिखामण आपीने नमोहने युवराज पदे स्थाप्यो आम तेओनुं कार्य सुपेरे चालतुं हतुं. अक वार पर्याप्त सन्निग्राममां पंचेन्द्रिय महोल्लानां केटलांक लोकोने यक्त्वे वशीकृत कर्या अने दर्शनमोहना देखतां ज बोधराजनी आज्ञाथी ते विवेकसेन दुर्गमां यतिपुरमा लई जवाया. तेमांथी वळी केटलांक मिथ्यादर्शन समात्यनी चढवणीथी पाछा फर्या. सम्यक्दर्शनने वशवर्ती लोको देवगतिपुरीमां गया गांधी फरी मनुष्य पुरमां जइने यतिपुरीमां गया. त्यांथी सुबोध नरपति अने चारित्र नरपतिनी आज्ञाथी भृत्यपणुं छोडीने शिवनगरीमां गया. आम तेओओ मळीने महराजनी सेनाने निष्फळ बनावी. आ वात जाणी दर्शनमोहे आयु राजा पासे आनी फरियाद करी तेमज देवपुरीमा लई जवाता लोकोने रोकवा माटे विनंती करी. आ सांभळी आयुराजाओ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520514
Book TitleAnusandhan 1999 00 SrNo 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1999
Total Pages144
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size6 MB
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