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छाल, छीलटुं, छोलवू ____१. छाल प्रयोगो: केळानी छाल. झाडनी छाल. लींबुनी छाल..
(१) संछद् ('ढांक')+ लि.> प्रा. छल्लि 'त्वचा', (जेम आर्द्र> प्रा.
अल्ल. पद्र >पल्ल, भद्र > भल्ल) (टर्नर, क्रमांक ५००५) टनरेआना मूळ तरीके कोई आर्येतर शब्द होवानुं संभवित मान्युं छे ते उपर्युक्त भद्र > भल्ल वगेरे जोतां बराबर नथी. शब्द मूळे भारतीय-आर्य होवा अंगे शंका राखवा- सहेज पर्ण कारण नथी. छालुं 'नाळियेर वगेरेनुं छोतरूं'. 'लाकडानो वेर'. छालां पडवां (हाथमा) छाला पड्यां' - एमानां छालु-नुं मूळ जुदुं ज होय.. छाल 'पीछो, केडो' (छाल छोडवो, छाल मूकवो) एनुं मूळ पण जुहूं होवानुं लागे छे. खाल. 'चामडी' (खाल उखेडी नाखवी), प्रा. खल्ला - एनी साथे छाल-एने क शो संबंध नथी. (टर्नर, क्रमांक ३८४८.) छालक (प्रयोगो:) प्रवाही- छलकावू ; 'छलकातुं आवे बेडलु, मलकाती आवे नारः' (ढळयूँ : ढळकतुं, फरवू : फरक, सखुः सरकवू एम छलq : छलकवू /छलकावू), छलाछल,छलोछल,
छलबलq एने छाल साथे कशो संबंध नथी. (६) छालकुं छीछरुं, आछकतुं', 'गधेडापर नाखवानी बे पासियां वाळी
गूण अने छालियुं (हिं. छालिया) 'पहोळा मोनो वाडको', छल्लो
(छल्लो भीड्यो) एमनुं मूळ पण जुदुं होवानुं जणाय छे. छीलकुं, छीलटुं (छीलेटुं) 'छोडूं. छोतरूं' सं. छिद् + ल = छिल्ल > छील एना परथी आख्यातिक धातु छीलq (हिं. छीलना) 'छोडां काढवां, छोलवू'. छील + लधुता वाचक अंगविस्तारक क के ट. छीलकुं, छीलटुं, अर्थना फेरफार माटे सरखावो छेदन > छेअण > छेण, नामधातु छीणवू अने छेदनिका > छेअणिआ > छीणी.
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