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कृति
कर्ता
संपादक
अनु सं. - पत्र
७।१०४
विजय शील- चन्द्र सूरि
६।८१-८२
० श्री हेमचन्द्राचार्यनी शिष्य
परंपरा विशे * ढूंकी नोंध ० प्रा. कियाडिया ० मीण प्रत्ययवाला अर्धमागधी - वर्तमान कृदन्तो ० लजामणी ० सुकुमारिका प्रथमालिका
ह. भायाणी ह. भायाणी
६। ७६-७७
ह. भायाणी ह. भायाणी
६। ८० ६। ८१
११ ।९९-१०१
५। ४७-५१
* तीर्थंकर महावीरनुं देहवर्णन
ह. भायाणी (जैन आगमग्रंथ औपपातिकसूत्रना महावीर वर्णक अने तेना परनी अभयदेवसूरिनी
वृत्तिने आधारे) * त्रण चउवीसी - लक्ष्मीसागर- मुनि कल्याण
विहरमाण जिन स्तवन सूरि शिष्य कीर्ति विजय * त्रण जिन स्तोत्रो ० श्री पावक पर्वतमण्डन श्री विवेकरत्न विजय शील- संभव जिन स्तोत्र सूरिना शिष्य चन्द्रसूरि
मुनि देवरत्न ० श्री पार्श्वजिन लघु रूपचन्द्र विजय शील- स्तवनम्
चन्द्र सूरि ० समस्त जिन स्तुति रूपचन्द्र विजय शील-
चन्द्र सूरि
११ । ६५-६६
११ । ६४-६५
११ । ६३ ६४
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