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________________ तपगच्छपति-श्रीमुनिसुन्दरसूरिकृता पञ्चसूत्रावचूरिः ॥ - सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 'पंचसूत्र' ए श्रीमान् हरिभद्राचार्यनो रचेलो एक मान्य तथा महत्त्वपूर्ण लघु ग्रंथ छे. एना पर कर्ता-कृत स्वोपज्ञ वृत्ति उपलब्ध छ ज. ते वृत्तिना ज आधारे, १५मा शतकमां थयेला तपागच्छीय आचार्य श्रीमुनिसुन्दरसूरिजीए अवचूरि रची छे, जेनी एक मात्र प्रति छाणी स्थित प्रवर्तक श्रीकान्तिविजयजी शास्त्रसंग्रह मां (क्र.८७२) प्राप्त छे, तेना आधारे ते अत्रे प्रस्तुत छे. जो के महदंशे मूळ वृत्तिना शब्दो ज पकडीने रचाएलुं आ सारदोहन छे. आदर्श प्रति ७ पत्रनी छे, अने संवत् १९६२मां ज लखाएली छे. परंतु, तेनो आधार होय एवी प्रति, क्यांक-कोई भंडारमां, होवी ज जोईए, अने ते प्राचीन होवी जोईए. प्रवर्तक श्रीकान्तिविजयजी महाराजनी एक विशिष्ट प्रवृत्ति ए हती के तेओनी नजरमां ज्यां पण प्राचीन अने विशिष्ट ग्रन्थ रचनाओ तथा तेनी दुर्लभ प्रति आवे, तेनी शुद्धप्राय प्रतिलिपि तेओ करावी लेता, अने पछी ते जाते वांचीने शुद्धीकरण पण करता. एथीज एम लागे छे के पंचसूत्रावचूरि नी प्रति पण तेमणे कोईक प्राचीन आदर्श उपरथी लखावी होवी जोईए. ___ अवचूरिना प्रांते आपेली पुष्पिकाना आधारे एम लागे छे के श्रीमुनिसुन्दरसूरिजी आचार्य अथवा तो गच्छपति थया ते पूर्वे तेमणे रचेली आ अवचूरि छे. ए सिवाय "श्रीमुनिसुन्दरसूरि महोपाध्याय पादैः" एवो शब्दप्रयोग न संभवे. पञ्चसूत्रावचूरिः ॥ इह पापप्रतिघात-गुणबीजाधानादिपञ्चसूत्र्याः क्रमोऽयम्- नहि पापप्रतिघात-गुणबीजाधानं विना तत्त्वतस्तच्छ्रद्धा । न तां विना साधुधर्मपरिभावना । न चापरिभावितसाधुधर्म(स्य)प्रवज्या । न च तां विना तत्पालनयत्नः। न चाऽपालने तत्फलमिति ॥१॥ अनादिजीवस्य भव(:) संसारः । अनादिभवस्यैवानादिकर्मसंयोगनिवर्तितत्वं हेतुः । तस्यैव दुःखरूपत्वादीनि विशेषणानि - (१) जन्मजरामरणरोगशोकादिरूपत्वात् , (२) गत्यन्तरेऽपि जन्मादिभावात् , (३) अनेकभववेदनीयकर्मावहत्वात् ॥२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520511
Book TitleAnusandhan 1998 00 SrNo 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1998
Total Pages122
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size5 MB
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