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अई गुरु तुतणी प्रित प्रित मोह्या अकबरि लघु सेवक विसारीयाओ
एक नही उत्यम रित रित प्रित करी पहलु देखाडि छे हो पछि खिर निरनी प्रित प्रित तेहवी उत्यमनी गोपंथ सरखी अवरनीओ धुतारा ते देसना लोक लोक भोलवीया तुझनि लाभ देखाडी अति घणाओ अम्हे गुजराति लोक लोक भोला भद्रक कुडकपट कई नवी वेयाओ
खमावे पछी तु दूत दूत पाए लागी गुरुनि अदीकु ओछु ए बोलीय अ
वीनवे वडो वजीर धनविजयगणि जे छे गुरुनि मानीतो अ
दीजे दूत अरदास अरदास हमाउनंदन
स्याही अकबर निजई अ
कियावंत गुजरात गुजरात भेजो गुरुजनि
उहि देते तुम्ह तणो अ
वहलो तु आवे दूत दूत तेडी श्री गुरुनि दान देसा तुहुंनि घणु अ
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देसा सोवननी जीह जीह मुगट वर रयणन नवलखो हार गलातणो अ
धनकनकनी कोड कोड देसा तुहनि
दूतपणु ताहारु टालसाओ
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॥ १३६॥
॥ १३७॥
॥ १३८॥
॥ १३९॥
॥ १४०॥
॥ १४१॥
॥ १४२॥
॥ १४३॥
॥ १४४॥
॥ १४५॥
॥ १४६ ॥
॥ १४७॥
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