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प्रकीर्ण नवां प्रकाशनोनी माहिती, वगेरे A Study of Jayanta Bhatta's Nyāyamañjari : A Mature Sanskrit Work on Indian Logic : Part III. Nagin J. Shah. pp. 10 + 214. Sanskrit Sanskriti Granthamālā. Ahmedabad. 1997. (अनुसंधान, ५मां आना बीजा भागनो परिचय आपेलो छ ।).
Uttarajjhāyā. Word Index and Reverse Word Index. M. Yamazaki, Y. Ousaka. Philologica Asiatica. Monograph Series 11. 30" x 20". pp. 302. Tokyo. 1997.
(जपाननी सरकारना शिक्षण, विज्ञान, रमतगमत अने संस्कृति खातानी आर्थिक सहायथी उपर्युक्त बे विद्वानोए कम्प्युटरनी सहायथी श्वेताम्बर जैन आगमग्रंथोनी संपूर्ण पाद-सूचि, शब्द-सूचि अने अन्त्य पदना अंत्य वर्णने आधारे ऊलट-सूचि तैयार करवानी जे योजना करी छे, ते अनुसार प्रस्तुत ग्रंथमां 'उत्तरज्झाया'नी शब्द-सूचि अने ऊलट शब्द-सूचि (रोमन लिपिमां) आपी छ। आ पहेला 'दसवेयालिय', 'इसिभासियाई', 'आयरंग', 'सूयगड', ए आगमग्रंथोनी पादसूचिओ अने शब्दसूचिओ उपर्युक्त पद्धतिए तैयार करी प्रकाशित करेल छे. आमांथी केटलाकनो परिचय ‘अनुसंधान' ३ तथा ९मां अमे आप्यो छे।)
When did the Buddha Live ? : The Controversy on the Dating of the Historical Buddha. Ed. Heinz Berchert. 28" x 20. pp.388. Delhi 1995.
(गटिंगेन (जर्मनी)नी एकेडेमी ऑव सायंसीझ तरफथी १९८८थी गौतम बुद्धना समयनिर्णयने लगता विवादने अनुलक्षीने जे परिचर्चाओ योजाई हती ते बे ग्रंथोमां १९९१ अने १९९२मां प्रकाशित थई छ। ए परिचर्चामां रजू थयेली निबंधोना निष्कर्षोने तथा ते पछी जे केटलीक चर्चा थई तेने गणतरीमां लईने आ ग्रंथ तैयार करायो छे । तेमां आ विषयने लगती बधी पूर्ववर्ती चर्चानो
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